तमाम कोशिशों के बावजूद भी बेकाबू हो चुका कोरोना का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. आलम यह है कि संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. वहीं, मौत का आंकड़ा भी अपने चरम पर पहुंच चुका है. इस बीच आज तो यूं समझ लीजिए की हद ही हो गई, जहां एक ओर संक्रमण के मामले 4 लाख के पार पहुंच गए, तो वहीं मौत के आंकड़े भी 4 हजार को पार कर चुके हैं. इस बीच अगर लोग कोरोना से दुरूस्त भी हो रहे हैं, तो उनके लिए मश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं.
कोरोना से ठीक होने वाले मरीज खौफनाक बीमारियों की गिरफ्त में आ रहे हैं, जिसे देखकर हर किसी का दिल दहल जा रहा है. इस तरह की बीमारियों को देखकर डॉक्टरों का भी दिल दहल जा रहा है. उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि एक तरफ जहां हम भगवान से इल्तिजा कर रहे हैं कि कैसे भी करके कोरोना से मरीज ठीक हो जाए, मगर उनके ठीक होने के बाद वे जिस तरह की बीमारियों की गिरफ्त में आ रहे हें, उसे देखना दर्दनाक है.
यहां हम आपको बताते चले कि कल तक कोरोना से ठीक होने वाले मरीज ब्रेन स्टोक, किडनी, लीवर और हार्ट अटैक जैसी बीमारियों की गिरफ्त में आ रहे थे, लेकिन गुजरात के एक अस्पताल में कोरोना से ठीक होने वाले मरीज ‘म्यूकरमाइकोसिस’ की बीमारियों की गिरफ्त में आ रहे हैं. आमतौर पर यह बीमारी डायबिटीज से पीड़ित मरीजों को हो रही है. खासकर, यह बीमारी कोरोना से ठीक होने वाली मरीजों में देखी जा रही हे, जिसके अंतर्गत डायबिटीज से पीड़ित मरीजों में देखी जा रही है. ऐसे में यह उन मरीजों के लिए यह चिंता का विषय है, जो पहले से ही डायबिटीज जैसी बीमारियों के गिरफ्त में हैं.
कैसे हैं इसके लक्षण
गुजरात के सिविल स्थिति अस्पताल में कोरोना से दुरूस्त हो चुके तकरीबन 150 मरीजों में इस तरह के लक्षण देखे जा रहे हैं. चिकित्सक विशेषज्ञ, इसकी तुलना कोरोना जैसी घातक बीमारियों से कर रहे हैं. यह बीमारी मरीज की आंख सहित शरीर के अन्य अंगों में हो रही है, जिसके चलते कई मरीजों की आंखें भी जा रही है, तो कई मरीजों को अपनी जान से भी हाथ धोना पड़ रहा है. अब तक 10 से ज्यादा लोगों की आंखें जा चुकी है.
डायबिटीज मरीजों को है ज्यादा खतरा
इस बीमारी के बारे अधिक जानकारी देते हुए डॉ बेला कहती हैं कि अधिकतर इस बीमारी की गिरफ्त में वे लोग आ रहे हैं, जो डायबिटीज से पीड़ित हैं. ऐसे में अब डायबिटीज मरीजों को खतरा बताया जा रहा है. यह बीमारी एक प्रकार के फंगस इंफेक्शन की तरह है. इस इनफेक्शन का प्रमुख लक्षण जुकाम बताया जा रहा है. पहले मरीज को जुकाम होता है. इसके बाद इसका प्रभाव मस्तिष्क पर पड़ता है, जिसका सीधा असर मरीज की आंख पर होता है. नतीजतन, अधिकांश मरीज अंधेपन के शिकार हो रहे हैं. चौंकने वाल बात यह है कि यह इंन्फेक्शन काफी घातक है. अगर समय रहते इसका उपचार नहीं किया गया, तो मरीज की आंख भी जा सकती है. अब तो इस तरह के मामले गुजरात समेत दिल्ली में भी सामने आ रहे हैं.
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