अगर आप भी अंडा या चिकन खाने के बेहद शौकीन हैं तो यह खबर आपको सचेत करने के लिए हैं. जी हां, आपको बता दें कि पोल्ट्री इंडस्ट्री में बहुत बड़े स्तर पर एंटीबायोटिक्स का इस्तेमाल हो रहा है जिसके चलते एंटीबायोटिक रेसिस्टेंट बैक्टीरिया पैदा हो रहे हैं.
इसके कारण फूड रेगुलेटर एफएसएसएआई (FSSI) ने राज्यों से कहा है कि वो सुनिश्चित करें कि पोल्ट्री प्रोडक्ट्स (Poultry Products) में तय मानकों का पालन हो.
मुर्गों की संख्या को तेजी से बढ़ाने के लिए पोल्ट्री इंडस्ट्री में बिना धड़ल्ले से ऐसी दवाओं का इस्तेमाल होता है. इससे एंटीबायोटिक रेसिस्टेंट बैक्टीरिया पैदा हो रहे हैं जिन पर किसी दवा का असर नहीं होता. सेंटर फॉर साइंस एंड एन्वायरमेंट यानि सी.एस.ई. की एक रिसर्च में खुलासा हुआ है कि पोल्ट्री फार्म्स के आसपास ऐसे कीटाणु पनप रहे हैं.
जो संक्रमण और निमोनिया जैसी खतरनाक बिमारियां पैदा करते हैं. पोल्ट्री फार्म के जिस कचरे का इस्तेमाल खाद के तौर पर किया जा रहा है, उससे भी ड्रग रेजिस्टेंट बढ़ रहा है. खेतों के जरिए एंटीबॉयोटिक रेसिस्टेंट बैक्टीरिया खाने और पानी तक आ सकता है. चिकन खाने से भी ये बैक्टीरिया शरीर के अंदर जा रहा है.
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