कोरोना वायरस से अभी देश उभरा भी न था कि तब तक टोमैटो फ्लू के केसों की संख्या में बढ़ोत्तरी होने लगी है, शुरुआत में यह दक्षिण भारत तक ही सीमित था लेकिन अब धीरे-धीरे उत्तर भारत के राज्यों में भी फैलने लगा है, जैसे कि हरियाणा में अभी इसके केस देखने को मिले हैं.
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय(Ministry of Health and Family Welfare) के अनुसार, टोमैटो फ्लू की पहचान सबसे पहले केरल के कोल्लम जिले में 6 मई को हुई थी और 26 जुलाई तक, स्थानीय सरकारी अस्पतालों द्वारा 5 साल से कम उम्र के 82 से अधिक बच्चों में संक्रमण की सूचना मिली थी. लेकिन अब यह बढ़कर तमिलनाडु, हरियाणा और ओडिशा जैसे राज्यों में भी फैल गया है.
टोमैटो फ्लू ने तमिलनाडु और कर्नाटक जैसे राज्यों को अब अलर्ट की स्थिति में पहुंचा दिया है. इसके आलावा, भुवनेश्वर में क्षेत्रीय चिकित्सा अनुसंधान केंद्र द्वारा 1-9 वर्ष के 26 बच्चों को ओडिशा में बीमारी होने की सूचना दी गई है. हालांकि केरल, तमिलनाडु, हरियाणा और ओडिशा के अलावा, भारत के किसी अन्य राज्य/केंद्र शासित प्रदेश में इस बीमारी के फैलने की सूचना नहीं दी गई है.
टोमैटो फ्लू का नाम टोमैटो फ्लू क्यों रखा गया
टोमैटो फ्लू एक वायरल बीमारी है और इसका नाम इसके लक्षणों के आधार पर रखा गया है. दरअसल, इस बीमारी में शरीर के कई हिस्सों पर टमाटर के आकार के छाले व लाल रंग के फफोले हो जाते हैं और बड़े होने पर टमाटर के समान दिखते हैं इसलिए इसे टोमैटो फ्लू कहा जा रहा है.
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टोमैटो फ्लू होने पर इसके लक्षण
टोमैटो फ्लू के लक्षणों की बात की जाए तो केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि अन्य वायरल संक्रमणों की तरह, लक्षणों में थकान, मतली, उल्टी, दस्त, बुखार, निर्जलीकरण, जोड़ों में सूजन, शरीर में दर्द और सामान्य इन्फ्लूएंजा जैसे लक्षण भी शामिल हैं.
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