कोरोना संक्रमण के चलते सम्पूर्ण देश में लॉक डाउन लगा हुआ है. कोरोना महामारी की विपदा के दौर में सरकार द्वारा आम जनता के लिए कई तरह की घोषणा की गई है. इन घोषणाओं में आफत में पड़ी किसान की रबी सीजन की फसल पर कर्ज सरकार का ध्यान नहीं गया. बता दें , रबी सीजन में फसल के लिए कर्ज चुकाने की अंतिम तारीख 31 मार्च है और आज 28 मार्च है. अभी बैंकों की तरफ से डेट को बढ़ाने को लेकर कोई आदेश नहीं आया है.
बता दें, यदि बैंकों ने रबी फसल की कर्ज चुकाने की डेट नहीं बढ़ाते हैं तो किसान डेट बढ़ाने के लिए बैंक पहुंच जाएंगे. जिससे कोरोना संक्रमण होने की सम्भावना भी बढ़ जाएगी. इसके अलावा किसानों के पास दूसरा विकल्प ये होगा की जीरो फीसदी ब्याज दर का लाभ गंवा कर 14 फीसदी ब्याज से कर्ज अदा करने मजबूर होंगे.अगर रबी फसल कर्ज की बात करें तो लगभग हर जिले में बैंकों द्वारा 50 से 70 हजार किसान कर्ज लेकर खेती करते हैं यदि बैंको ने फसल कर्ज के अंतिम तिथि न बढ़ाई तो ये सभी किसान कर्ज न अदा कर पाने के जोखिम को उठाने वाले हैं.
क्या है ड्यू डेट?
बता दें, किसानों को फसल के लिए कर्ज अल्प समय के लिए दो प्रकार से दिए जाते हैं. पहला केसीसी के माध्यम से नगद और दूसरा खाद बीज के रूप में सहकारी समितियों का. किसी सीजन के लिए जो कर्ज दिया जाता है उसके एक तय डेट लाइन होती जिसके अंदर ही किसानों को कर्ज की अदायगी करनी होती है. अगर किसान तय समय में कर्ज अदा नहीं कर पता है तो उसके कर्ज पर दण्ड ब्याज लगने लगता है. पिछले कुछ साल से कर्ज की अंतिम तिथि से पूर्व पर उसकी अदायगी में सरकार ने ब्याज शून्य प्रतिशत कर दिया था. इसलिए अंतिम तिथि वह आखरी तारीख है जिस पर कर्ज चुकाना अनिवार्य है.
यह आ रही अब दिक्कत
रबी में जो कर्ज लिया उसकी अदायगी का समय आया तो लॉक डाउन हो गया. किसान सामान्य तौर जब कर्ज चुकाने का आखरी समय होता है उसी समय पर अपने कर्ज को चुकता है. इस बार लॉक डाउन के चलते किसान कर्ज नहीं चुका पाया है . वही सरकार ने किसानों को न ही कर्ज चुकाने कोई परमीशन दी है और न ही कर्ज चुकाने की अंतिम तिथि ही बढ़ाई. जिसका नतीजा या होगा की किसान को बैंक कहीं डिफाल्टर न घोषित कर दें. अब ये डर किसानों को सता रहा है.
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