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दिल्ली में लॉकडाउन लगाने के लिए तैयार है “आप सरकार” जानिए क्या है इसकी वजह?

बढ़ते प्रदूषण (Air Pollution) से दिल्ली-NCR के लोगों की सेहत खराब होने लगी है. इसकी वजह से लोगों का सांस लेना मुश्किल होता जा रहा है.

प्राची वत्स
Supreme Court
Supreme Court Of India.

बढ़ते प्रदूषण (Air Pollution) से दिल्ली-NCR के लोगों की सेहत खराब होने लगी है. इसकी वजह से लोगों का सांस लेना मुश्किल होता जा रहा है.ऐसे में दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा कि हम वायु प्रदूषण पर काबू पाने के लिए संपूर्ण लॉकडाउन (Lockdown) लगाने के लिए तैयार हैं. 

लेकिन इसका फायदा तभी होगा, जब पूरे NCR में लॉकडाउन लगाया जाए. दिल्ली सरकार ने टॉप कोर्ट में एफिडेविट देकर कहा कि हम स्थानीय उत्सर्जन को नियंत्रित करने के लिए टोटल लॉकडाउन जैसे कदम उठाने के लिए तैयार हैं. इस पर SC  की बेंच ने कहा कि दिल्‍ली में सभी गाड़ियों को रोका क्‍यों नहीं जा रहा है? प्रदूषण के तीन बड़े फैक्‍टर्स- इंडस्‍ट्री, धूल और ट्रांसपोर्ट हैं. जस्टिस चंद्रचूड़ ने सरकार से जवाबी तौर पर कहा कि 17 तारीख तक हमें प्रभावी कदमों की जानकारी दीजिये, जिससे इस बढ़ते प्रदूषण को रोका जाए.

पराली ने बढ़ाई मुशीबतें

वहीं, दूसरी तरफ पराली जलाने की समस्या एक बार फिर सरकार के सामने आकर खड़ी हो गई है. अगर दिल्ली और इसके आस-पास के राज्यों की बात करें, तो ठण्ड के मौसम में प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ जाता है. एक तरफ गाड़ियों की बढ़ती संख्या, तो वहीं दूसरी तरफ पराली की वजह से बढ़ता प्रदूषण सबको संकट में लाकर खड़ा कर देता है. सरकार के अनेकों प्रयास के बाद भी लोग पराली को जलाते हैं, जिससे ना सिर्फ उन्हें बल्कि आस-पास के क्षेत्रों के लोगों को भी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.

दिल्ली सरकार ने हलफनामे में कहा कि जीएनसीटीडी (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार) स्थानीय उत्सर्जन को काबू करने के लिए पूर्ण लॉकडाउन जैसे कदम उठाने के लिए तैयार है. बहरहाल, यह कदम तभी अर्थपूर्ण साबित होगा, जब इसे पड़ोसी राज्यों के एनसीआर इलाकों में भी लागू किया जाता है.बेंच ने कहा, ‘‘इस मुद्दे को एनसीआर क्षेत्रों से जुड़े एयरशेड के स्तर पर सुलझाने की आवश्यकता है. इसके मद्देनजर यदि भारत सरकार या राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और निकटवर्ती क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग पूरे एनसीआर क्षेत्र के लिए इसका आदेश देता है, तो हम इस कदम पर विचार करने के लिए तैयार हैं.’’

पर्यावरण कार्यकर्ता आदित्य दुबे और विधि छात्र अमन बांका ने याचिका दायर कर छोटे और सीमांत किसानों को पराली समाप्त करने वाली मशीनें नि:शुल्क मुहैया करने का निर्देश देने का अनुरोध किया है, जिसके जवाब में आप सरकार ने यह शपथपत्र दाखिल किया.

न्यायालय ने दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण में बढ़ोतरी को शनिवार को ‘आपात’ स्थिति करार दिया और राष्ट्रीय राजधानी में लॉकडाउन लागू करने का सुझाव दिया. न्यायालय ने केंद्र एवं दिल्ली सरकार से कहा कि वे वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए आपात कदम उठाएं.

न्यायालय ने कहा था कि प्रदूषण की स्थिति इतनी खराब है कि लोग अपने घरों के भीतर मास्क पहन रहे हैं. बेंच ने कहा था कि वायु प्रदूषण के लिये सिर्फ पराली जलाए जाने को वजह बताना सही नहीं है. इसके लिए वाहनों से होने वाला उत्सर्जन, पटाखे और धूल जैसे अन्य कारक भी जिम्मेदार हैं.

ये भी पढ़ें: डी-कंपोजर से पराली जलाने की समस्या से मिलेगा छुटकारा, जानें कैसे?

दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दायर किया हलफ़नामा

  • दिल्ली सरकार लॉकडाउन लगाने को तैयार

  • दिल्ली में ट्रकों की एंट्री पर लगाई जाएगी रोक

  • ऑड-ईवन स्कीम को फिर से किया जाएगा शुरू

  • पराली का प्रदूषण में सिर्फ 10% योगदान: सॉलिसिटर जनरल

  • दिल्ली NCR में सभी ईंट भट्टों को किया जाए बंद

  • मेट्रो के फेरे बढ़ाए जाएं, पार्किंग फीस को भी बढ़ाया जाए

  • सभी हॉट मिक्स प्लांट को बंद किया जाए

  • NCR में कोयले के संयंत्रों का संचालन हो कम

वहीं, केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि दिल्ली और उत्तरी राज्यों में वर्तमान में पराली जलाना प्रदूषण का प्रमुख कारण नहीं है, क्योंकि यह प्रदूषण में केवल 10% योगदान देता है. अदालत ने कहा कि हम चाहते हैं कि प्रदूषण कम हो.

English Summary: AAP government filed affidavit demanding imposition of lockdown in NCR including Delhi Published on: 16 November 2021, 12:15 PM IST

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