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चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय में 8 और 9 सितंबर को आयोजित किए जाएंगे दो दिवसीय कृषि मेला

चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय में आगामी 8 व 9 सितंबर को कृषि मेले का आयोजन होने जा रहा है. यह मेला उत्तर भारत के किसानों के लिए काफी लाभकारी होने जा रहा है. वर्तमान में जल संरक्षण गंभीर विषय है, जिस पर नीति निर्माताओं, शोधकर्ताओं समेत विस्तार कर्ताओं द्वारा ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है.

सचिन कुमार
Krishi Mela
Krishi Mela

चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय में आगामी 8 व 9 सितंबर को कृषि मेले का  आयोजन होने जा रहा है. यह मेला उत्तर भारत के किसानों के लिए काफी लाभकारी होने जा रहा है. वर्तमान में जल संरक्षण गंभीर विषय है, जिस पर नीति निर्माताओं, शोधकर्ताओं समेत विस्तार कर्ताओं द्वारा ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है. जल संरक्षण की इसी समस्या के मद्देनजर इस बार कृषि मेले का थीम जल संरक्षण रखा गया है.

वहीं, चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यलाय के वाइस चांसलर ने जल संरक्षण की आवश्यकता के दृष्टिगत कहा है कि आपको अपने परिजनों अपने घर और आसपास जल संरक्षण करने हेतु नवीनतम व विभिन्न प्रकार के उपयोग करने चाहिए. इसके अलावा, जिन लोगों ने जल सचेत समूह बनाए हुए हैं, वे इन समूहों में अपने पड़ोसियों और दोस्तों को शामिल होने के लिए प्रेरित करें.

इसके अलावा, न्यूज लेटर, बुलिटन के जरिए आप अपने मित्रों, परिजनों, सहकर्मियों को जल संरक्षण हेतु प्रेरित करें. उन्होंने कहा कि यदि कम मात्रा में जल संरक्षण हो रहा है तो आप घबराइए मत, क्योंकि एक-एक बूंद संरक्षित करके आप बड़ा परिवर्तन ला सकते हैं. कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित होने जा रहा कृषि मेला किसानों को कृषि विशेषज्ञों से मुखातिब होने के लिए मंच प्रदान करेगा.

कृषि मेले में शामिल होने वाले किसानों को जल संरक्षण करने के लिए प्रभावी लागत व अभिनव समाधान उपलब्ध करवाए जाएंगे. इस कृषि मेले में कृषि क्षेत्र की अग्रणी कंपनियां अपनी नवीनतम तकनीकियों एवं उत्पाद का प्रदर्शन करेंगे. इस कृषि मेले में किसानों व वैज्ञानिकों के बीच वार्ता, फसल प्रतियोगिता, मिट्टी व जल  की जांच की गतिविधियों का संचालन किया जाएगा. कृषि मेले में आयोजित की जाने वाली ये गतिविधियां किसानों का ज्ञानवर्धन करेंगी.   

चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय

एशिया की सबसे बड़ी व लोकप्रिय कृषि विश्वविद्यालय चौधरी चरण सिंह हरियाणा के हिसार में स्थित है. इस यूनिवर्सिटी का नाम भारत के सांतवे प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के नाम पर रखा गया है. 1960 और 1970 के हरित व श्वेत क्रांति में चौधरी चरण सिंह का अतुलनीय  योगदान रहा है.

इस विश्वविद्यालय हरियाणा किसान रत्न पुरुस्कार 2019, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की तरफ से 1986 में सर्वोच्च पुरुस्कार दिया गया, सर्वश्रेष्ठ एआईसीआरपी मक्का केंद्र पुरस्कार - 2006-12, कृषि कर्मण पुरस्कार-2014-2015 (महिंद्रा और महिंद्रा), कृषि शिक्षा सम्मान-2015 और कई अन्य पुरुस्कार इस विश्वविद्यालय को दिए जा चुके हैं.

अपनी उपलब्धियों के क्रम को जारी रखते हुए सीसीएसएसएयू ने इस बार फिर सर्वश्रेष्ठ संस्थान का पुरस्कार सरदरार आरडी पटेल उत्कृष्ट आईसीएआर संस्थान 2016  में जीता था. यह विश्वविद्यालय 8637 एकड़ जमीन में स्थित है. इसका कैंपस 7,291 एकड़ जमीन पर स्थित है. 

वर्चुअल कृषि मेले पर एक झलक

विगत 2020 में कोरोना काल की वजह से व्यापार प्रदर्शनी व अन्यत्र प्रदर्शनियों ने ठहराव का दौर देखा था. मार्च 2020, से दुनिया इस बात को लेकर आश्चर्यचकित थी कि आखिर हम कब तक सामान्य स्थिति में प्रवेश कर पाएंगे. कोरोना के बढ़ते प्रकोप को ध्यान में रखते हुए संस्थानों ने डिजिटल स्पेश में एक वैकल्पिक साधनों की तलाश की है.

English Summary: A two-day agricultural fair was organized at Chaudhary Charan Singh Agricultural University Published on: 07 September 2021, 06:13 PM IST

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