किसानों को बदहाल रखकर हम तरक्की की फसल काट लें यह मुमकिन नहीं है. किसानों को बदहाल रखकर हमारे बच्चे आगे बढ़ जाए यह मुमकिन नहीं है. किसानों को बदहाल रखकर हम अपने ख्वाबों को मुकम्मल कर लें यह मुमकिन नहीं है. इतिहास गवाह रहा है कि जिस किसी ने भी किसानों को उपेक्षित किया है, उसे इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ी है, लिहाजा किसी भी सरकार को ऐसी भारी कीमत न चुकानी पड़ जाए, इस दिशा में सरकार की कोशिश जारी रहती है.
इससे पहले ही सरकार आगामी 2022 तक किसानों की आय को दोगुनी करने का लक्ष्य निर्धारित कर चुकी है. इस लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में सरकार की तरफ से सारी रूपरेखा तैयार की जा चुकी है. इस रूपरेखा के अनरूप काम किया जा रहा है.
यह उसी का नतीजा है कि सरकार की तरफ से 49 लाख किसानों के खाते में 85 हजार 600 करोड़ रूपए भेजे गए हैं. यह रकम रबी मार्केटिंग सीजन के दौरान हुई खरीद के दौरान प्राप्त हुए रकम हैं, जिन्हें किसानों के खाते में भेजे गए हैं. इस रकम को प्राप्त कर किसानों भाई खुशी से फूले नहीं समा रहे हैं. आइए, आगे हम आपको इसके बारे में पूरे विस्तार से बताते हैं.
यहां हम आपको बताते चले कि रबी मार्केटिंग सीजन 2021-2022 अब समाप्त हो चुका है. 18 अगस्त तक किसानों से 433.44 लाख टन गेहूं किसानों से खरीदा गया है. इसी के एवज में प्राप्त हुए रकम को किसानों के खाते में भेजा गया है. यह अब तक का सबसे ज्यादा खरीदी गई गेहूं की मात्रा है.
रबी मार्केटिंग सीजन अप्रैल से मार्च तक होता है. बता दें कि किसान आंदोलन के दौरान लगातार किसान भाई यह कहते रहे कि इस कानून के आने से उनकी फसल को सरकार एमएसपी की कीमत पर नहीं खरीदेगी, लेकिन इन आंकड़ों ने किसानों की आशंकाओं को सिरे से खारिज कर दिया है. आइए, आगे इस लेख में हम आपको बताते हैं कि आखिर किन राज्यों में गेहूं का उत्पादन कितना किया जाता है.
इन राज्यों में होता है गेहूं का उत्पादन
कृषि मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, देश के विभिन्न राज्यों में प्रतिवर्ष गेहूं की पैदावार होती है, जिसमें उत्तर प्रदेश में 34.89 फीसद है. यही नहीं यूपी, हरियाणा, राजस्थान और पंजाब को मिलाकर पूरे देश का कुल 93.10 फीसद गेहूं का उत्पादन करते हैं. हालांकि, एक वक्त था, जब देश को गेहूं के अभाव से होकर गुजरना पड़ता था, लेकिन 1980 के दशक में किसानों ने अपने कठीन परीश्रम से गेहूं के उत्पादन में भारत को आत्मनिर्भर बना दिया है.
आज की तारीख में भारत काफी मात्रा में गेहूं का उत्पादन करता है. इस बीच सरकार की हर वो कोशिश भी जारी है, जिससे अन्न के उत्पादन के मामले में भारत को आत्मनिर्भर बनाया जा सकें. खैर, आगे चलकर सरकार की यह कोशिश क्या रूख अख्तियार करती है. यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा. तब तक के लिए आप कृषि जगत से जुड़ी हर बड़ी खबर से रूबरू होने के लिए आप पढ़ते रहिए...कृषि जागरण.कॉम
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