रबी की फ़सल सामान्यतः अक्तूबर-नवम्बर माह में बोई जाती हैं. इन फसलों की बुवाई के समय कम तापमान तथा पकते समय खुश्क और गर्म वातावरण की आवश्यकता होती है. उदाहरण के तौर पर गेहूँ, जौ, चना, मसूर, सरसों आदि की फ़सलें रबी की फ़सल मानी जाती हैं.
इसी क्रम में राज्य सरकार ने रबी सीजन के मद्देनजर किसानों को राहत भरी खबर दिया है. दरअसल चना, मटर, सरसों और गेहूं के बीज पर इस बार उन्हें 50 प्रतिशत की छूट मिलेगी. इलाहाबाद जिले के सभी राजकीय बीज भंडारों एवं पंजीकृत दुकानों से बीज उपलब्ध कराए जाएंगे. सब्सिडी किसानों के खाते में भेजी जाएगी. कोरोना काल में शासन की इस पहल से आर्थिक तंगी से परेशान किसानों को रबी की बुवाई करने में काफी आसानी होगी.
किसानों को बीज पर मिलेगी 50 प्रतिशत की छूट (Farmers will get 50 percent discount on seeds)
कोरोना काल में महंगाई बढ़ने की वजह से खेती-किसानी की लागत भी बढ़ गई है. डीजल के दाम बढ़ने की वजह से खेत की जुताई महंगी हो गई है. बीज के दाम भी आसमान पर हैं. इन सबके बीच किसानों के लिए राहत भरी खबर है. इस बार रबी के सीजन में फसलों की बुवाई करने के लिए किसानों को बीज की खरीद में काफी रियायत भी मिलेगी. कोरोना काल में किसानों को बीज में 50 प्रतिशत की छूट मिलेगी. विभागीय अफसरों का कहना है कि जिले के सभी राजकीय बीज भंडारों एवं पंजीकृत दुकानों पर बीज उपलब्ध हैं. चना, मटर, सरसों के साथ गेहूं के बीज पर किसानों को 50 प्रतिशत छूट मिलेगी.
किसानों के खाते में सब्सिडी सीधे भेजी जाएगी (Subsidy will be sent directly to farmers' account)
दुकानों पर किसानों का पूरा पैसा देना होगा. बाद में 50 प्रतिशत सब्सिडी सीधे किसानों के खाते में भेजी जाएगी. जिला कृषि अधिकारी डॉ. अश्वनी सिंह ने बताया कि जिले के सभी राजकीय बीज भंडारों पर बीज की उपलब्धता है. किसानों को 50 प्रतिशत की छूट मिलेगी.
अगेती खेती करने वाले किसानों को होगा फायदा (Farmers doing early farming will benefit)
आम तौर पर राजकीय बीज भंडारों पर बीज की उपलब्धता अक्तूबर माह में होती थी, मगर इस बार बीज सितंबर माह में ही आ गए हैं. इससे अगेती खेती करने वाले किसानों को काफी सहूलियत मिलेगी. वह समय से फसलों की बुवाई कर सकेंगे.
जरूरी दस्तावेज़ (Important Documents)
बीज की खरीदारी करते समय किसानों को आधार कार्ड, खतौनी व बैंक पासबुक ले जाना जरूरी है. इसी के आधार पर उन्हें बीज दिया जाएगा. जिससे बाद में सब्सिडी बैंक खाते में डायरेक्ट भेजी जा सकेगी.
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