खरीफ, 2018 में अनियमित मानसून के मद्देनजर किसानों को सिंचाई के लिए डीजल अनुदान देने का प्रावधान किया गया. पूर्व के वर्षों में किसानों को मिलने वाले डीजल अनुदान में हुए विलंब को देखते हुए सरकार द्वारा इस वर्ष ऑनलाईन समयबद्ध अनुदान भुगतान करने की व्यवस्था की गई है. अब तक राज्य के 7,99,449 किसानों द्वारा डीजल अनुदान के लिए आवेदन किया गया है, जिनमें से 4,32,873 किसानों के बीच 44.80 करोड़ रूपये डीजल अनुदान वितरित किया गया है. बिहार के कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों को सिंचाई हेतु डीजल अनुदान देने के लिए जितनी राशि की जरूरत होगी, उसे सरकार उपलब्ध करायेगी. अगले वित्तीय वर्ष से किसानों को सुगमतापूर्वक एवं कम समय में अनुदान भुगतान हेतु उनका निबंधन कराया जा रहा है. किसानों के निबंधन हो जाने से उन्हें डीजल अनुदान सहित अन्य योजनाओं के अंतर्गत दिये जाने वाले अनुदान का भी लाभ मिल पायेगा. अब तक कृषि विभाग के वेबसाईट पर राज्य के 21,17,425 किसानों ने अपना ऑनलाईन पंजीकरण कराया है. आवेदन देने का सिलसिला प्रतिपल अनवरत जारी है.
कृषि मंत्री ने कहा कि अब आवेदन करने के मात्र 25 दिनों के अन्दर ही किसानों को डीजल अनुदान दिया जा रहा है. पूर्व के वर्षों में डीजल अनुदान की प्रक्रिया जटिल रहने के कारण किसानों को अनुदान भुगतान में विलम्ब हो जाता था. किसान भाइयों एवं बहनों के इन्हीं सब परेशानियों को देखते हुए कृषि विभाग द्वारा डीजल अनुदान के लिए आवेदन देने से लेकर अनुदान वितरण तक की प्रक्रिया को पूर्णतः ऑनलाईन किया गया है.
डॉ० कुमार ने कहा कि खरीफ एवं रबी फसलों के एक सिंचाई के लिए 50 रू० प्रति लीटर की दर से 500 रू० प्रति एकड़ प्रति सिंचाई डीजल अनुदान देने का प्रावधान किया गया है. खरीफ में यह अनुदान धान बिचड़ा, जूट फसल के लिए दो सिंचाई के लिए 1,000 रू० तथा धान की रोपनी करने तथा धान की खड़ी फसल, मक्का, खरीफ फसलों के अन्तर्गत दलहनी, तेलहनी, मौसमी सब्जी, औषधीय एवं सुगंधित पौधों की तीन सिंचाई के लिए अधिकत्तम 1,500 रू० दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार अन्नदाता किसान भाई-बहनों के लिए हरसंभव सहायता करने के लिए तैयार है.
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