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प्रतिवर्ष 13 राज्य करते हैं सूखे का सामना - राष्ट्रपति

लगातार ग्लोबल वॉर्मिंग की समस्या बढ़ने से इसका सीधा असर न सिर्फ मौसम पर पड़ रहा है बल्कि मौसम पर आधारित फसलों पर भी इसका खासा प्रभाव हो रहा है।

लगातार ग्लोबल वॉर्मिंग की समस्या बढ़ने से इसका सीधा असर न सिर्फ मौसम पर पड़ रहा है बल्कि मौसम पर आधारित फसलों पर भी इसका खासा प्रभाव हो रहा है। यही हमारे देश के किसानों के लिए परेशानी का भी सबब बना हुआ है। आंकड़ों पर गौर किया जाए तो हमारे देश में प्रतिवर्ष 13 राज्य ऐसे हैं जो सूखे का सामना करते हैं। यह बात राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कानपुर के छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय सेमीनार के दौरान कही। सेमीनार का विषय “जलवायु परिवर्तन में खेती किसानों में कैसे लाभप्रद हो“ था।

उन्होंने सरकार की कृषि आधारित योजनाओं पर संतुष्टि की मुहर लगाते हुए कहा कि देश में 60 फीसदी खेती बारिश पर आधारित है। ऐसे में प्रतिवर्ष 13 राज्यों को सूखे का सामना करना पड़ता है। कम पानी में होने वाली फसलों व पानी का पूरा इस्तेमाल करने के बारे में किसानों को जागरूक करने की आवश्यकता है। उन्होंने हरियाणा के किसानों के समूह की मिसाल देते हुए बताया कि उन्होंने वैज्ञानिकों की मदद से फसल अवशेष को जलाने की बजाय खाद बनाना शुरू कर दिया है। यह सराहनीय कदम है। उन्होंने यह भी बताया कि ओडिशा व झारखंड के किसानों की आय बढ़ाने में भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान दिल्ली में विकसित आम्रपाली व मल्लिका की संकर आम की प्रजाति मददगार रही है। उन्होंने कहा कि किसानों की आय व आय को बढ़ाने के नए रास्ते भी खोले जा रहे हैं।

अनेक संस्थाओं का एक ही उद्देश्य

राष्ट्रपति ने कहा कि इस अंतरराष्ट्रीय सेमीनार में विभिन्न संस्थानों जैसे राष्ट्रीय शर्करा संस्थान, भारतीय दलहन अनुसंधान संस्थान, सोसाइटी फॉर एग्रीकल्चर प्रोफेशनल व राष्ट्रीय गन्ना अनुसंधान संस्थान जैसे प्रतिष्ठित कृषि संस्थानों ने एक मंच पर आकर मिसाल पेश की है। इससे यही साबित होता है कि भले ही संस्थान अनेक हों लेकिन सभी का उद्देश्य एक ही है।

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English Summary: 13 states face drought every year - President Published on: 15 February 2018, 01:25 AM IST

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