काशी के 125 वर्षीय योग गुरु स्वामी शिवानंद को सोमवार को योग के क्षेत्र में अहम् योगदान और अपनी भूमिका निभाने के लिए राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद से पद्म श्री पुरस्कार मिला. योग सेवक के नाम से मशहूर स्वामी शिवानंद ने पद्मश्री ग्रहण किया और राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने नतमस्तक हुए.
पद्म पुरस्कार, देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कारों में से एक है, जिसे तीन श्रेणियों में बांटा गया है, पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री.
पुरस्कार के विभिन्न क्षेत्र
राष्ट्रीय पुरस्कार कला, सामाजिक कार्य, सार्वजनिक मामले, विज्ञान और इंजीनियरिंग, व्यापार और उद्योग, चिकित्सा, साहित्य और शिक्षा, खेल, सिविल सेवा आदि क्षेत्रों में दिया जाता है. पद्म विभूषण पुरस्कार असाधारण और विशिष्ट सेवा के लिए दिया जाता है. यानि किसी भी क्षेत्र में विशिष्ट सेवा करने के लिए `पद्म भूषण` पुरस्कार दिया जाता है.
कब की जाती है घोषणा
इन पुरस्कारों की घोषणा हर साल गणतंत्र दिवस के अवसर पर की जाती है. यह पुरस्कार भारत के राष्ट्रपति द्वारा औपचारिक समारोहों में प्रदान किए जाते हैं, जो आमतौर पर हर साल मार्च/अप्रैल के आसपास राष्ट्रपति भवन में आयोजित किया जाता है. इसी क्रम में योग गुरु स्वामी शिवानंद को उनके योगदान और अद्भुत कार्यों को संज्ञान में लेते हुए उन्हें पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
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इस वर्ष राष्ट्रपति ने दो युगल मामलों (couple affairs) सहित 128 पद्म पुरस्कारों को प्रदान करने की मंजूरी दी है (एक युगल मामले में, पुरस्कार को एक के रूप में गिना जाता है). इस सूची में 4 पद्म विभूषण, 17 पद्म भूषण और 107 पद्म श्री पुरस्कार शामिल हैं.
पुरस्कार पाने वालों में 34 महिलाएं हैं और इस सूची में विदेशियों/एनआरआई/पीआईओ/ओसीआई की श्रेणी के 10 व्यक्ति और 13 मरणोपरांत पुरस्कार पाने वाले भी शामिल हैं.
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