देश में किसानों को कोरोना काल में हुए नुकसान से उबारने के लिए सरकार द्वारा कई प्रयास किए जा रहे हैं. किसानों के लिए इन दिनों कई तरह की योजनाओं को स्वीकृति दी जा रही है. केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने उड़ीसा प्रदेश के जनप्रतिनिधियों एवं कृषि अधिकारियों से किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) के संदर्भ में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संवाद किया. मंत्री कैलाश चौधरी ने डिज़िटल वार्ता के माध्यम से अपने संबोधन में कहा कि मोदी सरकार किसानों के प्रति कार्यरत है औऱ उकना सभी प्रयास किसानों को समिद्ध बनाने पर है. उन्होंने कहा कि किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए देश में 10,000 एफपीओ खोले जा रहे हैं.
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने वर्ष 2023-24 तक किसानों की आय बढ़ाने के लिए 10,000 एफपीओ का गठन करने का फैसला किया है. इन एफपीओ को सरकार द्वारा पांच साल के लिए समर्थन दिया जाएगा. इस कार्य में लगभग 6,866 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. मंत्री चौधरी ने कहा कि इस योजना के जरिए छोटे औऱ सीमांत किसानों की आर्थिक स्थिति बेहतर बनाने के लिए उन्हें वरियता दी जाएगी.
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इसकी प्रक्रिया के बारे में मंत्री ने कहा कि किसान संगठन को रजिस्ट्रेशन के बाद उसके काम को देखकर हर साल 5 लाख रुपए दिये जाएंगे और यह राशि 3 साल के लिए 15 लाख होगी. किसानों की संख्या के बारे में कहा कि इसमें 300 किसान मैदानी क्षेत्र के और 100 किसान किसान पहाड़ी क्षेत्र के होंगे. इसमें नाबार्ड का भी योगदान होगा और किसानों को वो फसल के हिसाब से उसे क्वालिटी रेटिंग देगी. किसानों को इससे यह भी लाभ हेगा कि वह अपनी फसल को देश में कहीं भी बेच सकते हैं.
किसानों के लिए सबसे महत्वपूर्ण किसान क्रेडिट कार्ड का जिक्र करते हुए भी महत्वपूर्ण बात कहा. उन्होंने कहा कि इस वर्ष के अंत तक किसानों के लिए एक विशेष अभियान शुरू किया गया है जिसमें 2.5 करोड़ किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड दिया जाएगा.
फरवरी में इस अभियान की शुरुआत के बाद से लगभग 95 लाख आवेदन मिले हैं, जिनमें से 75 लाख पास कर दिए गए हैं. मौजूदा समय की अगर बात करें अभी लगभग 6.67 करोड़ सक्रिय केसीसी खाते हैं.
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