बदलते हुए समय के साथ हमारे खान-पान की हर सामग्री प्रदूषित होती हो गई है. सब्जियों एवं फलों में पेस्टीसाइड्स की मात्रा इस कदर बढ़ गई है कि लोग इनके सेवन से ड़रने लगे हैं. फलों एवं सब्जियों में केमिकल और पेस्टीसाइड्स की मात्रा का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि खुद वैज्ञानिकों ने भी यह बात स्वीकारा है की इनसे कैंसर, सेप्टिक अलसर एवं किडनी संबंधी बीमारियां होती है.
सबसे बड़ी समस्या तो यह है कि सब्जी और फलों में कीटनाशकों की जांच के तरीके बहुत महंगें एवं जटिल हैं. इसलिए लोग चाहकर भी इसकी जांच नहीं करवा पाते हैं, लेकिन अब फलों एवं सब्जियों में रसायनों या पेस्टीसाइड्स का पता आसानी से लगाया जा सकता है. दरअसल आईएसईआरI(ISER) तिरुवनन्तपुरम की एक टीम ने ऐसा मशीन बना लिया है, जिसकी मदद से खतरनाक कीटनाशकों की मात्रा का आसानी से पता लगाया जा सकता है.
ऐसे होगी कीटनाशकों की जांच
कीटनाशकों की जांच करने के लिए सबसे पहले आपको फलों या सब्जियों के रस निकालना है, उसके बाद पेपर स्ट्रिप पर फलों या सब्जियों का रस सैम्पल लेना है. रमन स्पेक्ट्रोमीटर से लेस यह मशीन पेपर स्ट्रीप को डालते ही सैम्पल के स्पैट्रम की जानकारी स्क्रीन पर दे देगा. मशीन में दिखाई गई पेस्टिसाइड्स की मात्रा का मुल्यांकन करके आप फल या सब्जी खाने लायक है कि नहीं इस बात पर फैसला कर सकते हैं.
घंटों में हो जाएगा सब टेस्टः
अब तक फलों एवं सब्जियों में कीटनाशकों की मात्रा पता करने में लगभग 7 से 8 दिन लग जाते थे, लेकिन इस नए अविषकार से मात्र 5 घंटे में पता लगाया जा सकता है कि कीटनाशकों की मात्रा किस हद तक है. वैसे बता दें कि आपके दैनिक भोजन में उपभोग कियए जाने वाले ज्यादातर फल एवं सब्जियां जैसे सेब, टमाटर, मूली, गाजर, स्ट्रॉबेरी, अंगूर, पीच, चेरी, पालक, पत्ता गोबी आदि में सबसे अधिक पेस्टिसाइड्स पाए जाते हैं. छात्रों ने बताया कि बहुत जल्दी ही यह मशीन बाज़ार में आ जाएगी.
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