हमारे देश में किसानो को खेती के समय कई तरह की परेशानियां आती है, इनमे से एक परेशानी है बिजली। भारत के कई गांवों में बिजली पहुचानी भी मुश्किल हो जाती हैं. इन सभी दिक्कतों को देखते हुए नीदरलैंड की कंपनी क्यूस्टा ने खेती की सिचाई के लिए वर्षा पंप तैयार किया है.
यह एक अनोखा पंप है, जिसके लिए किसान को बिजली और ईंधन की चिंता करने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी. इस वर्षा पंप के लिए यूरोपीय संस्था क्लाईमेट केवाईसी की ओर से यूरोप की इस साल की सबसे बड़ी तकनीकि खोज का अवॉर्ड दिया गया है.
यह पंप हमारे पड़ोसी देश नेपाल में सफलतापूर्वक काम कर रहा हैं. यह पंप किसानो के लिए वरदान साबित हो सकता हैं। इस पंप को नहर या नदी में लगाकर किसान आसानी से अपने आस-पास के खेतों में सिंचाई सकेंगे. इसके इस्तेमाल से किसानों को सिंचाई संबंधी एक बड़ी समस्या दूर हो जायगी. इस वर्षा पंप के जरिए फसल का उत्पादन 5 गुना तक बढ़ाया जा सकता है. यह पंप एक लीटर प्रति सेकेंड की रफ्तार से पानी छोड़ता है. पानी की तेज गति से यह पंप 82 फीट की ऊंचाई तक भी पानी को पहुंचा सकता हैं.
असल में यह पंप पानी की लहरों से चलता है. लहरों से टकराकर वर्षा पंप का एक बड़ा सा पहिया घूमता है और इससे वायु का दबाव बनता है. इस वायु के दबाव की वजह से ही पानी को एक नली के जरिये किसानों के खेतों तक पहुंचा देता है. जितनी तेज पानी की रफ्तार होगी, उतनी दूर तक किसानों के खेत तक पानी पहुंच पाएगा. सबसे बड़ी बात यह है कि प्रदूषण न फैलाने की वजह से यह वर्षा पंप पर्यावरण के भी अनुकूल है. यह वर्षा पंप एक तरह का बिल्कुल नया उपकरण है और विकासशील देशों में यह तकनीक बहुत अच्छा साबित होगी.
- प्रियंका वर्मा
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