देश की बढ़ती हुई जनसंख्या की खाद्य समस्या को हल करने के लिए खेती करना बहुत जरुरी है. इसके लिए किसानों के पास उन्नत बीज, रासायनिक खाद, कीटनाशी दवा तथा पानी की समुचित व्यवस्था के साथ-साथ समय पर कृषि कार्य करने के लिए आधुनिक कृषि यंत्रों का होना भी बहुत जरुरी है. आज के दौर में प्रायः सभी कृषि कार्य कृषि यंत्रों से करना ही संभव है, जैसे जुताई, बुवाई, सिंचाई, कटाई, मड़ाई एवं भंडारण आदि. तो ऐसे में आइये आज हम आपकों कुछ आधुनिक कृषि यंत्रों के बारें में बताते है जो रबी फसलों की खेती करने के लिए बहुत जरुरी हैं-
खेत की तैयारी मे प्रयोग होने वाले कृषि यंत्र
-मिट्टी पलटने वाला हल
-कल्टीवेटर
-तवेदार हैरों
-ट्रैक्टर चालित रोटावेटर एवं पावर टिलर
-पन्तनगर ढ़ेला तोड़ने का यंत्र
-ट्रैक्टर चालित नाली एवं मेड़ बनाने की मशीन
सर्वप्रथम पहली जुताई मिट्टी पलटने वाले हल से जाती है उसके पश्चात् कल्टीवेटर द्वारा मिट्टी भुरभुरी बनायी जाती है. यदि जड़ें झुंडियां, ढेले खेत में अधिक हो और मिट्टी भारी हो, तो तवेदार हैरो द्वारा जुताई करने से खरपतवार व जड़ें झुंडिया कट-पिट कर नष्ट हो जाती है तथा ढेले मिट्टी के कणों में विभक्त हो जाते है तथा मिट्टी भुरभुरी हो जाती है. इससे मिट्टी के पानी सोखने की क्षमता भी बढ़ती है. रोटावेटर द्वारा जुताई करने से धन एवं समय दोनों की बचत होती है तथा खेत एक से दो जुताई में तैयार हो जाता है.
बुवाई हेतु उपयोगी कृषि यंत्र
क. सीड-कम-फर्टीड्रिल
पंक्तियों में निश्चित दूरी व गहराई पर उर्वरक व बीज की बुवाई कर अच्छा उत्पादन लेने हेतु सीड-कम-फर्टी ड्रिल का उपयोग आवश्यक है. यह बैलों, पावर टिलर तथा ट्रैक्टर चालित तीनों प्रकार की निर्मित होती है. वैज्ञानिक परीक्षण से यह सिद्ध हो चुका है कि सीड-कम-फर्टीड्रिल से बुवाई करने पर 15 से 20 प्रतिशत बीज की बचत होती है साथ ही 12 से 15 प्रतिशत उत्पादन में भी वृद्धि होती है. इसके द्वारा बुवाई करने पर हैण्ड-हो द्वारा निराई गुड़ाई भी सम्भव होती है.
ख. जीरोट्रिल-फर्टीसीडड्रिल
धान की कटाई के बाद गेहूं की सीधी बुवाई करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली मशीन है जो कि पिछले 14 साल से लगातार निर्मित की जा रही है. इससे गेहूं की सीधी बुवाई करने पर 1500-2000 रूपये प्रति एकड़ खर्च में बचत होती है. खरपतवार बहुत कम उगते है. इससे हरी फली के लिए मटर एवं मसूर की बुवाई की जा सकती है.
ट्रैक्टर चालित आलू बुवाई मशीन
ट्रैक्टर चालित दो लाइन वाली आलू बोने की मशीन बुवाई के साथ-साथ मिट्टी चढ़ाने का कार्य एक बार में ही करती है. ट्रैक्टर चालित गन्ना बोने की मशीन दो लाइनों में गन्ना के टुकड़े काट कर नाली में स्वतः बोने वाली मशीन है.
चोंगा
फटीड्रिल की अनुपलब्धता की स्थिति में चोंगा द्वारा बीज उर्वरक की कूंडों में बुवाई लाभप्रद रहती है.
ट्रैक्टर चालित रोटा टिल ड्रिल
इसके द्वारा एक ही बार में जुताई तथा बुवाई दोनों कार्य सम्पन्न हो जाते है.
निराई/गुड़ाई में प्रयोग होने वाले कृषि यन्त्र
हैन्ड हो/व्हील हो/बहुउद्देशीय व्हील हो
विभिन्न फसलों से खरपतवार निकालने एवं निराई/गुड़ाई हेतु बहुउद्देश्यी व्हील-हो उपयुक्त यंत्र है, इससे मजदूरों की बचत के साथ ही समय की बचत भी होती है.
फसल कटाई में प्रयोग होने वाले कृषि यंत्र
1. दांतेदार हंसिया
2. रीपर
शीघ्र कटाई के उद्देश्य से रीपर का इस्तेमाल फायदेमंद है. यह ट्रैक्टर अथवा पावर टिलर के साथ अटैच कर इस्तेमाल में लाये जाते हैं.
3. कम्बाइन हारवेस्टर
धान तथा गेहूं दोनों फसलों की कटाई-मड़ाई-ओसाई सब एक क्रम में एक बार में ही करके साफ दाना उपलब्ध हो जाता है. इस मशीन से कस्टम सर्विस द्वारा किराये पर कटाई का कार्य किया जा सकता है.
मड़ाई/ओसाई के यंत्र
मल्टीक्राप थ्रेसर (शक्तिचालित) विनोइंग फैन
विभिन्न फसलों की मड़ाई हेतु मल्टीक्राप थ्रेसर बहुत ही उपयोगी मशीन है, इससे गेहूँ, जौ के अतिरिक्त अन्य फसलों की भी मडाई की जा सकती है. पावर थ्रेसर आई0एस0आई0 युक्त ही क्रय करना चाहिये.
विनोइंग फैन
मड़ाई के बाद दाने को भूसे से अलग करने के लिए विनोइंग फैन का उपयोग किया जाता है.
भूसा बनाने की मशीन
इसके द्वारा कम्बाइन से गेहूं की कटाई के बाद भूसा बनाया जा सकता है.
रोटावेटर
यह 35 या उससे अधिक अश्वशक्ति (Horse Power) के ट्रैक्टर से चलाने में उपयोगी है. सूखे खेत एवं नमी की दशा में फसल की बुवाई हेतु खेत को तैयार करने में भी सहायक है. यह खेत में फैले हुए भूसे एवं खाद को भी खेत में संयुक्त रूप से मिलाने में कारगर है.
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