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Trolley Jugaad: इंडिया का नंबर वन ट्रॉली जुगाड़, पशुओं के लिए अधिक से अधिक भार खींचना होगा आसान

हमारे देश में पशुओं से खेत के कार्य के अलावा कई तरह के अन्य कार्य को भी पूरा किया जाता है. जैसे कि पशुओं के पीछे लगी बग्गी (cattle drawn wagon) के माध्यम से भारी सामान को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाना. ऐसे में पशुओं को बहुत दिक्कत होती है. इस परेशानी को हल करने के लिए सांगली जिला में आर्ट कॉलेज (Art College in Sangli District) के छात्रों ने इंडिया का नंबर वन ट्रॉली जुगाड़ (trolley jugaad) बनाया है. यहां जानें इसकी पूरी जानकारी...

लोकेश निरवाल
India का नंबर वन ट्रॉली जुगाड़
India का नंबर वन ट्रॉली जुगाड़

अक्सर आपने देखा होगा कि पशुओं के पीछे लगी बग्गी पर अधिक भार डाल दिया जाता है, जिसके चलते पशुओं को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. लेकिन महाराष्ट्र के सांगली जिला में आर्ट कॉलेज के कुछ छात्रों ने पशुओं की इस स्थिति को देखते हुए एक बेहतरीन देसी जुगाड़ का आविष्कार किया है, जिसका नाम ट्रोलिंग सपोर्ट फॉर रखा गया है, जिसे मराठी में सारथी का नाम दिया गया है.

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह देसी सारथी (Desi charioteer) किसान भाइयों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है. बताया जा रहा है कि इसे बनाने के लिए महाराष्ट्र के सांगली जिला में आर्ट कॉलेज (Art College in Sangli District, Maharashtra) के 5 लोगों की टीम का सहयोग है. इसे किसानों तक पहुंचाने से पहले कई बार प्रशिक्षण किया गया है.

कैसे आया इसे बनाने का आइडिया

इसे बनाने का आइडिया छात्रों को शुगर मिल के पास ले जाते गन्ने से भरी बग्गी को देखकर आया, जिसमें पशुओं के द्वारा गन्ने से भरी बग्गी को खींचा जाता है. ऐसी स्थिति में बग्गी का पूरा भार पशुओं के कंधों के ऊपर आ जाता है. पशुओं के ऊपर का भार को कम करने के लिए इस बेहतरीन देसी जुगाड़ को तैयार किया है. इसकी मदद से ऑल पैरामीटर्स को फॉलो किया है.

इस बात का भी ध्यान रखा गया है कि राइजिंग सलूशन (Rising Solution) में इसका एक्चुअल पोजिशन कहां पर होना चाहिए और यह कैसे काम करेगा. बता दें कि इसे बग्गी में सट करने के बाद क्नेश्र्वन फॉर्मेशन रिकूटमेंट का भी ध्यान रखा गया है.

2 पहियों की गाड़ी को 3 पहियों में बदला

इस उपकरण के आने के बाद से दो पहियों की बेल गाड़ी को तीन पहियों की बेल गाड़ी में बदल दिया है. लेकिन देखा गया है कि दो पहियों वाली बैलगाड़ी से तीन पहियों वाली बैलगाड़ी कभी भी चैरिटेबल होती रहती है. इसके लिए इसमें एक नया सपोर्ट डाला गया है, जो रोलिंग सपोर्ट सही तरीके से काम करता रहता है. इसी के चलते यह रोलिंग मिल्ज है.

ऑफ रोडिंग वाला टायर

इस उपकरण को किसान भाई किसी भी तरह के रास्ते पर सरलता से चला सकते हैं. क्योंकि इसमें जो टायर लगाया गया है, वह ऑफ रोडिंग वाला बेहतरीन टायर है, जो खेत की मिट्टी से लेकर सड़कों पर सरलता से चल सकता है और अधिक से अधिक भार को भी उठाने में सक्षम है.

ये भी पढ़ेंः खेत के बाहर खड़ी थी बैलगाड़ी, पुलिस ने काट दिया भारी चालान

पशुओं की हाइट का भी ध्यान

यह उपकरण हर एक तरह के पशुओं पर किसान सरलता से लगा सकते हैं. क्योंकि इसे लगाने के लिए पशुओं की हाईट कोई मायने नहीं रखती है. बैलगाड़ी यानी की बग्गी में लगे दोनों बैल की हाईट सामान्य नहीं है, तो आप ट्रोलिंग सपोर्ट फॉर की मदद से हाइट को भी सही तरीके से बैलेंस कर सकते हैं. क्योंकि इसमें हाईट को सेम करने के लिए एडजस्ट पॉइंट दिया गया है. ताकि किसान अपने पशुओं की हाईट के मुताबिक इसे सेट कर सकें. अब आप सोच रहें होंगे कि यह जब चलेगा, तो बग्गी के इतने भारी भार को कैसे आगे खींचेगा और कैसे इसे सही तरीके से बैलेंस करेगा. लेकिन घबराएं नहीं इस ट्रोलिंग सपोर्ट फॉर के टायर में एक लॉक दिया गया है, जो इसे मुड़ते समय सही तरीके से बैलेंस करने में मदद करेगा और जैसे-जैसे बैल आगे बढ़ेगा वैसे-वैसे यह उपकरण भी चलेगा. यह बैल की गति के हिसाब से ही चलेगा और उसी के मुताबिक मुड़ेगा. इंडिया के इस नबंर वन जुगाड़ की अधिक जानकारी के लिए किसान भाई Indian Farmer के Youtube चैनल  पर देख सकते हैं.

English Summary: Trolley Jugaad India's number one trolley jugaad, easy for animals to pull maximum load Published on: 02 February 2023, 05:42 PM IST

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