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18000 रूपये की यह मशीन करती है अकेले 100 मजदूरों का काम...

जब बात प्याज की बुआई की आती है, तो यह काफी थका देने वाला काम होता है. बड़ी जोत वाले किसानों के लिए यह काफी दिक्कत का काम हो जाता है. सबसे बड़ा कारन यह भी है कि प्याज की बुआई किसी मशीन से न होकर हांथों से की जाती है, जिसमे काफी मेहनत लगती है और अधिक समय बर्बाद होता है.

KJ Staff
Machinery
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जब बात प्याज की बुआई की आती है, तो यह काफी थका देने वाला काम होता है. बड़ी जोत वाले किसानों के लिए यह काफी दिक्कत का काम हो जाता है. सबसे बड़ा कारन यह भी है कि प्याज की बुआई किसी मशीन से न होकर हांथों से की जाती है, जिसमे काफी मेहनत लगती है और अधिक समय बर्बाद होता है.

इस तरह की समस्या से निपटने के लिए पी एस मोरे नामक एक किसान ने सस्ती और अर्ध स्वचालित मशीन बनायीं है, जिसकी मदद से आप कम समय में प्याज की बुआई कर सकतें हैं.पी.एस मोरे ने किसानों की भलाई के लिए इस मशीन का पेटेंट नही करवाया साथ ही साथ सभी को इसे बनाने और बेचने की अनुमति दे दी, जिससे किसान भाई इसे सस्ती कीमत पर खरीद सके.नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन ने भविष्य में इस टेक्नॉलोजी का गलत इस्तेमाल करने से रोकने के लिए 2008 में इसका पेटेंट करा लिया.

4 मजदूरों और 1 ड्राइवर की मदद से ये मशीन प्रतिदिन 2.5 एकड़ में प्याज की बुआई कर देती है. जबकि इस मशीन के बिना पारंपरिक तरीक से बुआई करने पर करीब 100 मजूदरों की जरूरत पड़ती है. यानी मशीन की लागत का पूरा पैसा 1 या 2 दिन की बुआई से ही वसूला जा सकता है. इसके बाद आप इस मशीन को दूसरों को भी किराए पर देकर अतिरिक्त कमाई कर सकते हैं.

इस मशीन के जरिए यांत्रिक निराई भी की जा सकती है, जिससे निराई पर खर्च की बचत होती है. उर्वरक ड्रील के साथ इस मशीन की कीमत 30 हजार रूपये है जबकि बगैर इस ड्रील के ये 18 हजार रूपये तक के खर्च में तैयार हो जाती है.

इस मशीन को 22-35 HP यानी हार्सपावर (Horsepower) के ट्रैक्टर में लगे 3 प्वाइंट के जरिए जोड़ा जा सकता है. खेतों में ट्रेक्टर की गति 1 से 1.5 किलोमीटर प्रति घंटे की रखी जाती है. जब ट्रैक्टर आगे बढ़ता है तो स्कैल सिस्टम (Scale System) यानी मापक प्रणाली के जरीए फर्टीलाइजर को ट्यूब में भेजती है.

इस मशीन में एक जुताई का फ्रेम, फर्टीलाइज़र बॉक्स, उर्वरकों के बहने के लिए नलियां, बीज पौधों को रखने के लिए ट्रे, दो पहिए, खांचा खींचने वाला, बीज पौधों को नीचे ले जाने के लिए फिसलन प्रणाली और चार लोगों तक के बैठने की जगह होती है. मशीन से पौधारोपण करने से पहले खेत की जुताई जरूरी होती है.

एक क्यारी से दूसरी क्यारी के बीच की दूरी 7 इंच की होनी चाहिए. जबकि 2 पौधों के बीच की दूरी 3.5 इंच की दूरी होनी चाहिए.

English Summary: Pyaaj ki Buaai karne ka asan tareeka Published on: 23 May 2018, 04:51 AM IST

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