पर्वतीय क्षेत्रों में किसान कई फसलों की खेती करते हैं. इस दौरान खेतों की तैयारी, बुवाई, सिंचाई तक कई समस्यों का सामना करना पड़ता है. वैसे इन समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए कई आधुनिक तकनीक विकसित हो चुकी हैं. मगर एक समस्या अब भी किसानों को परेशान कर रही है, जिससे उत्तराखंड के अल्मोड़ा में खेतीबाड़ी कर रहे किसानों को काफी परेशान कर देती है. हम फसलों को बर्बाद करने वाले कुरमुला कीट की बात कर रहे हैं. पर्वतीय क्षेत्रों में पाए जाने वाला यह कीट फसलों के लिए काफी हानिकारक होता है.
फसलों के लिए घातक है कुरमुला कीट
कुरमुला कीड़ा फसलों के लिए काफी नुकसान पहुंचाता है. इसकी तीन प्रजातियां पाई जाती हैं. इनमें एनोमेला डिमिडिएटा, होलोट्राइकिया सेटिकोलिस, होलोट्राइकिया लांगीपेनिस शामिल है. इन तीनों के वयस्क फसलों के लिए नुकसानदायक साबित हैं.
कीट की रोकथाम के बना कृषि यंत्र
विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान ने एक ऐसा यंत्र तैयार किया है, जो कुरमुला कीट को जड़ से खत्म कर देगा. इस यंत्र के विकसित होने से किसानों को काफी राहत मिली है. इस यंत्र का नाम प्रकाश प्रपंच है, जो कि कुरमुला कीट को ट्रैप करेगा. बता दें कि इस यंत्र को पर्वतीय जिलों के किसानों को कृषि विभाग के माध्यम से वितरित किया जा रहा है. इतना ही नहीं, इस यंत्र का उपयोग देशभर के किसान कर रहे हैं. बताया जा रहा है कि अभी तक हजारों किसानों को यह यंत्र बांटा जा चुका है. इससे किसानों को काफी फायदा भी मिल रहा है.
आपको बता दें कि विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान द्वारा कुरमुला कीट से निजात दिलाने के लिए 2 तकनीक अपनाई हैं. पहली छोटे कीट को मारने के लिए कैरूकुलम (डब्लूजीपीएस-2) पाउडर तैयार किया है. दूसरा वयस्क कुरमुले को खत्म करने के लिए प्रकाश प्रपंच कृषि यंत्र तैयार किया गया है.
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