आज का समय विज्ञान और तकनीक का है. यह तकनीक हर क्षेत्र में पहुँच कर मानव के जीवन को आसान और आरामदायक बनती है. कृषि क्षेत्र भी इससे अछूता नही है. फसल उत्पादकता में कीटनाशक को छिड़कने के यंत्रों में भी तकनीक विकसित हो रही है तथा ये तकनीक कृषि क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं. किन्तु छिड़काव के लिए सही मशीनरी का होना भी महत्वपूर्ण है. पत्तियों के नीचे एवं जड़-क्षेत्रों में कीट व रोगों से बचाने के लिए कीटनाशकों का छिड़काव, कीटनाशकों का सही अनुपात में घोल तैयार करना, पत्तियों की सतह पर जल आधारित सूक्ष्म बूंदे गिरना आदि तकनीक प्रभावी भूमिका निभा सकती है.
अच्छे सोलर स्प्रेयर के गुण (Properties of good solar sprayers):
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एक अच्छे स्पेयर के उपयोग से सतही तनाव, जल धारण क्षमता बेहद जरूरी गुण है.
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एक अच्छा सोलर स्पेयर अच्छी गुणवत्ता से निर्मित और हल्का होना चाहिए.
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इसमें बैटरी का वजन, इसकी क्षमता, सोलर पेनल की गुणवत्ता आदि पर स्पेयर खरा उतरना चाहिए.
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इन स्पेयर को किसान आसानी से सीख सके, ऐसे तकनीक सरल होनी चाहिए जैसे- रखरखाव, सोलर पैनल से बैटरी चार्ज करने का तरीका, पानी और दावा मिलना, प्रेसर को नियंत्रित कर छिड़काव करना आदि.
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स्पेयर की गुणवत्ता के साथ साथ दाम भी वाजिब होना चाहिए.
सोलर स्प्रेयर की उपयोगिता (Importance of solar sprayers)
देश में 50% से अधिक अधिक किसान लघु या छोटी जोत वाले किसान हैं. अतः बड़े-बड़े कृषि यंत्र जो कि उच्चे दाम पर उपलब्ध होते हैं उनका छोटे और मझोले किसानों के लिए सरोकार नही है. अतः या तो कुछ किसान मिल कर बड़े-बड़े कृषि यंत्र खरीदें या कोई छोटा कृषि यंत्र लें, जो किसान को कम जोत में आसानी से काम कर सके. बढ़ते ऊर्जा संकट को देखते हुए कृषि क्षेत्र में संसाधनों के कुशल उपयोग के लिए वैकल्पिक तरीके खोजे जा रहे हैं. पानी के बचत के लिए ड्रिप सिंचाई एक विकल्प है किन्तु ड्रिप सिंचाई छोटे एवं सीमांत किसानों के लिए यह तकनीक सस्ती नहीं है. ये विशेषता भारतीय कृषि परिदृश्य को बदलने में प्रमुख भूमिका निभाते हैं. ऐसे किसानों के लिए हस्तचलित स्प्रेयर का उपयोग एक सस्ता विकल्प हो सकता है.
ये स्प्रेयर छोटे व सीमांत किसानों को लागत-प्रभावी सामाजिक-आर्थिक समाधान मुहैया कराते हैं. इस तकनीक से शुष्क और अर्ध-शुष्क क्षेत्रों में भी कृषि के नये आयाम खुल खुलते हैं. कृषि में जल के उपयोग को कम करके ये स्प्रेयर्स कृषि क्षेत्र में एक नया बदलाव ला सकते हैं. इन स्प्रेयर के माध्यम से तकनीक और किसानों के बीच खाई को कम किया जा सकता है. इनके उपयोग से कृषि कार्य में डीजल जैसे जीवाश्म ईंधन (पैट्रोल, डीजल) पर निर्भरता भी कम की जा सकती है.
स्प्रेयर के कई प्रकार होते है, जिसमें नेपसेक स्प्रेयर, फूट स्प्रेयर, एच॰टी॰पी॰ स्पेयर, ओर्चर्ड स्प्रेयर आदि. इसमें से नेपसेक स्प्रेयर है जो छोटी जोत के लिए किसान आसानी से उपयोग कर पाता है. ये नेपसेक स्प्रेयर भी हस्तचालित और बैटरी या पैट्रोल, डीजल से चलने वाले होते है. किन्तु तेल के दाम दिन प्रतिदिन आसमान छूने की वजह से सोलर स्प्रेयर स्प्रेयर की तरफ रूख करना पड़ रहा है. देश में बहुत सी कम्पनियाँ सोलर स्प्रेयर निर्माण में लगी है. ऐसे में आइये जानते हैं कुछ सोलर स्पेयर के बारे में.
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रेली किरण सोलर पावर स्प्रेयर: रेली एग्रोटेक लिमिटेड कंपनी द्वारा लाया गया यह स्पेयर 16 लीटर क्षमता का है जो 80 psi के प्रेसर पर काम करता है. इसमें एक बैटरी लगी होती है जो सोलर पैनल से चार्ज होती है, यह बैटरी 12 वाट की है. इस स्प्रेयर का वजन 5.6 किलो बिना बैटरी के है. यदि बात कीमत की करे तो यह स्प्रेयर 3,000 रूपये में मिलेगा. ज्यादा जानकारी के लिए 33 3258 0353 पर या https://ralliagri.com/ पर सम्पर्क करें.
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सोलर पावर नेपसेक स्प्रेयर: यह ASPL ग्रीन वैंचर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी द्वारा द्वारा बनाया गया है. इसमें बैटरी 12 वाट की है जो सोलर पैनल से चार्ज होती है. इसकी कीमत लगभग 4500 रुपये है.
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सोलर नेपसेक स्प्रेयर: यह नर्मदा सोलर एनर्जी कम्पनी द्वारा बनाया गया है. नेपसेक स्प्रेयर की यह श्रेणी उच्च गुणवत्ता वाले कच्चे माल और बेहतर तकनीक का उपयोग करके निर्धारित गुणवत्ता मानकों के अनुपालन में बनाई गई है. http://www.narmadarenewables.com/ या 08045800693 पर सम्पर्क किया जा सकता है.
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सी एस आई आर - केन्द्रीय यांत्रिक अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान, दुर्गापुरा के शोधकर्ताओं ने सौर बैटरी द्वारा चालित स्प्रेयर विकसित किया है जो छोटे एवं सीमांत किसानों के लिए महत्वपूर्ण रूप से उपयोगी साबित हो सकता है. यह दो प्रकार में उपलब्ध है. एक स्पेयर की क्षमता पांच लीटर है जो सीमांत-मझोले किसानों के लिए बनाया गया है. जबकि दूसरा, कॉम्पैक्ट ट्रॉली स्प्रेयर है. इसकी क्षमता दस लीटर है, इसे भी छोटी जोत वाले किसानों को ध्यान में रखकर विकसित किया गया है. इन स्प्रेयर्स का उपयोग छोटी जोतों के रूप में फसलों पर कीटनाशकों व दवाओं का छिड़काव किया जा सकता है.
इन स्प्रेयर्स में दो अलग टैंक, फ्लो कंट्रोल और प्रेशर रेगुलेटर होता है. इस स्प्रेयर में लगा ड्यूल-चैंबर से इसमें दो प्रकार के तरल पदार्थ डाले जा सकते हैं. इसमें लगे लिवर से प्रेसर को कंट्रोल किया जा सकता है. यह स्प्रेयर 75% पानी और 25% समय की बचत करने में मदद करता है. ये स्प्रेयर सौर बैटरी से संचालित होते हैं. इसकी लागत करीब 11 हजार रुपये हो सकती है. इसी तरह, ट्रॉली युक्त स्प्रेयर की कीमत 12 हजार से 20 हजार तक हो सकती है. अधिक जानकारी के लिए 9434921623, 9232397449, 9434921623, 9232397449 पर सम्पर्क या सी एस आई आर - केन्द्रीय यांत्रिक अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान, दुर्गापूरा संस्थान में जाकर भी पत्ता किया जा सकता है.
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