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जीपीएस और जीआईएस टेक्नोलॉजी से कृषि में आ सकती है क्रांति

लेख में हम खेती में जीपीएस और जीआईएस के उपयोग के बारे में जानेंगे और उन्हें लागू करनी की चुनौतियों पर चर्चा करेंगे...

मोहम्मद समीर
हम खेती में जीपीएस और जीआईएस के उपयोग के बारे में जानेंगे.
हम खेती में जीपीएस और जीआईएस के उपयोग के बारे में जानेंगे.

जीपीएस और जीआईएस तक़नीक (GPS AND GIS TECHNOLOGY) का इस्तेमाल करकेकिसान उच्च फ़सल की पैदावार पा सकते हैंकचरे को कम कर सकते हैं और अपने संसाधनों के उपयोग को अपने हिसाब से प्रबंधित कर सकते हैं.. इस लेख में हम खेती में जीपीएस और जीआईएस के उपयोग के बारे में जानेंगे.

जीपीएस और कृषि:

जीपीएस (GPS) तक़नीक किसानों को स्थान और स्थिति की जानकारी प्रदान करने के लिए उपग्रहों का इस्तेमाल करती है. अच्छी खेती-बाड़ी के लिए यह एक महत्वपूर्ण उपकरण हैक्योंकि यह सटीक लोकेशन डेटा प्रदान कर सकता हैजैसे कृषि उपकरण और मिट्टी के नमूनों की सटीक स्थिति. इस जानकारी से फ़सल प्रबंधन के बारे में सही फ़ैसले लिए जा सकते हैंजैसे कि उन क्षेत्रों की पहचान करना जिन्हें अधिक उर्वरक या सिंचाई की ज़रूरत है. जीपीएस के साथ कृषि में उच्च स्तर की सटीकतानिरंतरता और दक्षता आ सकती है.

जीआईएस और कृषि:

जीआईएस GIS एक कंप्यूटर आधारित प्रणाली है जो जियोग्राफ़िकल डेटा का विश्लेषण और प्रबंधन कर सकती है. यह अन्य डेटा जैसे मिट्टी के प्रकारमौसम और फ़सल विकास डेटा के साथ जीपीएस जानकारी को एकीकृत करता है. इसकी मदद से कृषि पद्धतियों के साथ संयुक्त मिट्टी के आंकड़ों का विश्लेषण कर यह निर्धारित किया जा सकता है कि पौध लगाने के लिए सबसे अच्छी फ़सलें कौन-कौन सी हैं और पौधों की अच्छी सेहत के लिए मिट्टी के पोषण स्तर को कैसे बनाए रखा जा सकता है.

कृषि में जीपीएस और जीआईएस के उपयोग के लाभ: 

सटीक कृषि: जीपीएस और जीआईएस का उपयोग करके किसान उर्वरकपानी और अन्य तत्वों की सही मात्रा को खेत में डाल सकते हैंइससे कृषि कचरे की कमी होती है और फ़सल की पैदावार में सुधार आता है.

लागत में कमी: जीपीएस और जीआईएस किसानों को उनके संसाधनों के उपयोग को अनुकूलित करने में मदद कर सकते हैंजिसके परिणामस्वरूप लागत कम होती है और लाभ अधिक होता है.

टिकाऊ कृषि पद्धति: संसाधनों के उपयोग को अनुकूलित करकेजीपीएस और जीआईएस किसानों को अधिक टिकाऊ कृषि पद्धतियों को अपनाने में मदद कर सकते हैं.

समय की बचत: जीपीएस और जीआईएस उपकरण के कुशल उपयोग से खेती में लगने वाले समय की बचत होती है और उत्पादकता बढ़ती है.

फ़सल प्रबंधन: सटीक डेटा और विस्तृत नक्शों के साथ किसान रोपणकटाई और फ़सल प्रबंधन के बारे में ज़रूरी निर्णय ले सकते हैं.

कृषि में जीपीएस और जीआईएस का उपयोग करने की चुनौतियां:

लागत: जीपीएस और जीआईएस तक़नीक को लागू करना महंगा हो सकता हैजिससे फ़िलहाल छोटे किसानों की पहुंच से ये दूर है.

तकनीकी ज्ञान की ज़रूरत: जीपीएस और जीआईएस का उपयोग करने के लिए तक़नीकी विशेषज्ञता और प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है. जो किसान अशिक्षित हैं उनके लिए ये किसी चुनौती से कम नहीं.

डेटा प्रबंधन: बड़ी मात्रा में डेटा का प्रबंधन और विश्लेषण करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है और इसके लिए विशेष सॉफ़्टवेयर और हार्डवेयर की ज़रूरत हो सकती है.

ये भी पढ़ेंः खेती-किसानी के लिए टॉप-5 कृषि उपकरण, इनके इस्तेमाल से काम होगा सरल

खेती में जीपीएस और जीआईएस के उपयोग से फ़सल की पैदावार में सुधारवेस्ट मैनेजमेंट और संसाधनों के उपयोग को सीमित करके कृषि में बदलाव लाया जा सकता हैहालांकि इन्हें लागू करने के रास्ते में कई चुनौतियां भी हैं जिनका हमने ज़िक्र किया. लेकिन कृषि में जिस तरह टेक्नोलॉजी का विकास हो रहा है उससे ये आशा है कि जीपीएस और जीआईएस तक़नीक भविष्य में सुलभ और आसान तरीक़ों से खेतों में लागू हो सकती है.

English Summary: GPS AND GIS TECHNOLOGY can be a game changer technologies for agriculture Published on: 09 April 2023, 05:39 PM IST

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