फसल बुवाई (crop sowing) के समय हर किसान की यही कोशिश रहती है कि उसे अंत में ज्यादा से ज्यादा उपज मिल सके. इसके लिए वह कई ऐसे आधुनिक कृषि यंत्रों का भी सहारा लेता है जो उसे उसके खेत में भारी से भारी कार्य, कम समय में करने के लिए सहायक हो. कई तरह के कृषि उपकरण के साथ मौजूदा वक्त में ट्रैक्टर का भी खेती में बहुत बड़ा योगदान है.
एक तरह से हम यह कह सकते हैं कि खेती में ट्रैक्टर किसानों का पार्टनर है. इसकी मदद से ही किसान कई कृषि यंत्र (farm implements) का इस्तेमाल कर अपनी खेती को सरल और सफल बना सकते हैं.
आज बाजार में कई देसी-विदेशी ब्रांड के ट्रैक्टर मौजूद हैं जो आपके हर तरह की खेती से जुड़े कार्यों को करने के लिए सक्षम हैं. सभी कंपनियां समय-समय पर अपने ट्रैक्टर में किसानो की जरूरतों के हिसाब से सुधार कर नए-नए फ़ीचर जोड़ती रहती हैं. ऐसे में सही ट्रैक्टर का चुनाव करना बहुत जरूरी बन जाता है. आज हम यहां आपको बताने जा रहें कि अगर आप ट्रैक्टर खरीदने की सोच रहे हैं तो आपको खरीदते वक्त एक खास बात की जानकारी होनी चाहिए.
ट्रैक्टर पावर की रखें जानकारी, क्योंकि...
आपको ट्रैक्टर पावर के बारे में जरूर पता करना चाहिए. क्योंकि खेती से जुड़े हर तरह के काम को आसानी से कर पाने की ट्रैक्टर की क्षमता उसके पावर से ही पता चलती है. ट्रैक्टर की पावर ही सबसे पहले ये निर्धारित करती है कि वह किसी काम को करने या किसी भी तरह के कृषि उपकरण या कृषि यंत्र को चलाने के लिए सक्षम है या नहीं. इसीलिए आपको ट्रैक्टर से जितनी ज्यादा उपयोगी पावर मिलेगी, आप उतनी ही आसानी से सभी कृषि कार्यों को कर पाएंगे. इससे आपके डीजल की खपत भी कम होगी और आपका आपका पैसा भी पूरा वसूल होगा.
ट्रैक्टर में उपयोगी पावर क्या होती है? (What is the useful power in a tractor?)
आइए, सबसे पहले ये समझते हैं कि यह ‘उपयोगी पावर’ क्या होती है. आपको बता दें कि ट्रैक्टर में उपलब्ध कराई जाने वाली कुल इंजन पावर उसके अलग-अलग पार्ट्स में बंट जाती है, जैसे पावर रेडिएटर फैन चलाने में, अल्टरनेटर चलाने में, गियर बॉक्स चलाने और अन्य. इस सभी जगह इस्तेमाल होने के बाद जो भी इंजन पावर बचती है, वही उपयोगी पावर होती है. खास बात यह है कि इसी उपयोगी पावर से विभिन्न कृषि उपकरण चलते हैं. इसका मतलब, उपयोगी पावर जितनी ज्यादा होगी, आपके ट्रैक्टर की कार्य क्षमता उतनी ही ज्यादा होगी. आपको पीटीओ हॉर्सपावर (PTO Horsepower) और ड्रॉबार हॉर्सपावर के रूप में ही यह उपयोगी पावर मिलती है. इसलिए पीटीओ हॉर्सपावर जरूर चेक करें.
नियम के तहत हर ट्रैक्टर पर दी जानी चाहिए PTO power (Under the rule, PTO power should be given on every tractor)
यह पावर भारत सरकार के नियम के तहत हर ट्रैक्टर पर दी जानी चाहिए जिससे इसे खरीदने वाले ग्राहक को उस ट्रैक्टर की क्षमता की सही जानकारी मिल सके.
किसान ऐसे पहचान सकते हैं सबसे दमदार ट्रैक्टर (Farmers can identify the most powerful tractor like this)
किसी भी कंपनी की एक ही श्रेणी के ट्रैक्टरों में जिसकी PTO पावर ज्यादा होगी, वह ट्रैक्टर उस श्रेणी में सबसे ज्यादा ताकतवर या पॉवरफुल ट्रैक्टर कहलाएगा. इसलिए किसान भाई जब भी कोई ट्रैक्टर खरीदने जाएं तो उसकी PTO पावर जरूर देख लें जिससे उसकी क्षमता का पता लगाया जा सके.
ट्रैक्टर पर PTO पावर कहां दी गयी होती है? (Where is the PTO power provided on the tractor?)
सभी ट्रैक्टर निर्माता कंपनियां ट्रैक्टर पर एक प्लेट लगा के देती हैं जिस पर इंजन नंबर, चेसिस नंबर, ट्रैक्टर बनने की तारीख और अन्य सम्बंधित विवरण दिए गए होते हैं. उसी प्लेट पर उस ट्रैक्टर की PTO पावर भी kW या HP में दी गई होती है. अगर इस तरह की कोई जानकारी ट्रैक्टर पर न दी गयी हो, तो आप ट्रैक्टर शोरूम के माध्यम से इसके बारे में पता कर सकते हैं.
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