पहाड़ी क्षेत्रों में पलायान की एक मुख्य वजह बेरोजगारी है. पहाड़ी क्षेत्रों से लोग रोजगार की तलाश में शहरों की तरफ पलायन कर रहे हैं. मगर कृषि के क्षेत्रों में अच्छे उपकरण का प्रयोग करके कृषि क्षेत्र को बढ़ावा मिल सकता है जिससे रोजगार के अवसर भी बढ़ सकते हैं. आइए आपको बताते हैं कि पहाड़ी क्षेत्रों में कृषि के लिए कोन से यंत्र (agricultural machinery in hilly areas) काम आ सकते हैं, जो कि कृषि को बेहतर बना सकता है.
पावर टिलर (Power Tiller)
पावर टिलर के प्रयोग से कृषि कार्य को बहुत सुगम बना सकते हैं, तो वहीं पहाड़ी क्षेत्रों के किसानों के लिए पावर टिलर बेहद की फायदेमंद है, पावर टिलर (power tiller) छोटा होने की वजह से इसे पहाड़ के खेतों में आसानी से लेकर जा सकते हैं, इससे किसानों को कृषि कार्य में काफी मदद मिलती है. इसका उपयोग मुख्यत: बुवाई के लिए किया जाता है. इस यंत्र का मूल्य थोड़ा अधिक है. हालाँकि कृषि यंत्र (farm machinery) खरीदने पर अब सरकार किसानों को अनुदान भी दे रही है.
रोटावेटर (Rotavator)
रोटावेटर का प्रयोग फसल की बुवाई के लिए ट्रैक्टर के साथ जोड़कर किया जाता है, जो कि खेत में मिट्टी को भुरभुरी बनाने में मदद करता है. इसका आकार ब्लेड़ो के जैसा होता है, जो कि खेत में मौजूद पूरानी फसल के अवशेष को मिटाने में मिलाने में मदद करता है. पहाड़ी क्षेत्रों में इसका उपयोग करके श्रम तथा समय की बजत किसानों द्वारा की जाती है. जिसकी कीमत 80 हजार रुपये से शुरू होती है.
पशु चालित उन्नत बक्खर
इस यंत्र का उपयोग कर खिंचाव बल कम करने के लिए पारंपरिक सीधे ब्लेड के स्थान पर संषोधित वी ब्लेड लगाया है. वी ब्लेड मिट्टी को काटती है और इसके पीछे लगाया गया बेलन मिट्टी के ढेलों को तोड़कर खेत को समतल बनाती है, जिससे मिट्टी में नमी बनी रहती है. इसका अनुमानित मूल्य 4000 रूपये है.
पावर टिलर चलित निदाई गुड़ाई यन्त्र
यह उपकरण 8-10 अश्वशक्ति के आकार के पावर टिलर हेतु बनाया गया है. इसके द्वारा चौड़े अंतर वाली फसलें की निराई और गुड़ाई किसान द्वारा की जाती है. इस यंत्र में स्वीप टाईप के ब्लेड, मुख्य ढांचा, हत्था, प्रचालन पहिया एवं खिंचाव प्रणाली इत्यादि लगे है. जिसकी अनुमानित कीमत लगभग 8000 रुपये है.
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पशु चालित खुदाई यन्त्र (स्ट्रॉ रीपर कम्बाइन)
खेत की मिट्टी से मूँगफली, आलू इत्यादि की खुदाई, एक कठोर परिश्रम वाला कार्य है. पषु चलित खुदाई यंत्र में बीज, ढांचा, हत्था, प्रचालन पहिया, गहराई समयोजन प्रणाली और वी ब्लेड लगे होते हैं. इस यंत्र की मदद से हम इसमें मिट्टी से सब्जी आदि को आसानी से निकाल सकते हैं जो कि श्रम और समय दोनों की बचत करता है.
बता दें कि भारत सरकार की तरफ से कृषि उपकरणों के लिए सब्सिडी भी दी जा रही है, जिससे किसानों को यंत्र खरीदने में आर्थिक सहायता मिलेगी. तो वहीं कृषि को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकारें भी किसानों के लिए नई-नई स्कीम लेकर आ रही है. किसानों के लिए लोन की भी सुविधा उपलब्ध है.
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