Top 5 Equipment for Weeding: खेती के लिए किसान कई प्रकार के कृषि यंत्रो का उपयोग करते हैं. कृषि यंत्रो का इस्तेमाल खेती के अलग अलग कामों में किया जाता है. इनमें खरपतवार नियंत्रण करने वाले कृषि उपकरण खास महत्व रखते हैं, जो फसल में खरपतवार की रोकथाम करते हैं. इससे फसलों की पैदावार बढ़ जाती है. इसके अलावा खरपतवार नियंत्रण करने वाले उपकरण फसल में निहित प्रोटीन व अन्य लाभकारी तत्व एवं फसलों की गुणवत्ता में वृद्धि करने में मदद करते है.
कृषि जागरण के इस आर्टिकल में आज हम आपको खरपतवार नियंत्रण करने वाले 5 कृषि उपकरणों की जानकारी देने जा रहे हैं.
1. ड्राईलैंड पेग वीडर (Dryland Peg Weeder)
ड्राईलैंड पेग वीडर का उपयोग सब्जी, फलों के बाग और अंगूर उद्यानों में खरपतवार को हटाने के लिए किया जाता है. इस यंत्र के साथ सख्त मिट्टी की परत को तोड़कर उसे उपजाऊ बनाने में भी किसानों को मदद मिलती है. यह एक हस्तचालित यंत्र है, जो फसल की कतारों के बीच खर-पतवार को नष्ट करने का काम करता है. इस यंत्र को खरपतवार हटाने के लिए फसलों की कतारों में खड़े हुए धकेलने एवं खींचने की प्रक्रिया द्वारा चलाया जाता है. इसकी समचतुर्भुज आकार के हुक को मिट्टी में गड़कर घुमाया जाता है, जिससे मिट्टी बारीक होने लगती है. इसके अलावा, जब इस यंत्र को दबा कर चलाया जाता है, तो इसकी ब्लेड जमीन में घुसकर खरपतवार की जड़ों को काट देती हैं. भारत में ड्राईलैंड पेग वीडर की कीमत लगभग 800 से 1000 रुपये हो सकती है.
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2. व्हील हैंड होई (Wheel Hand Hoe)
व्हील हैंड होई का उपयोग पंक्ति युक्त सब्जियों की फसलों और अन्य फसलों में निराई करने के लिए किया जाता है, जिससे खरपतवार हटाई जा सके. व्हील हैंड होई एक लंबे हैंडल वाला यंत्र है. इसे आगे पीछे धकेलने की प्रक्रिया के साथ चलाया जाता है. इस कृषि यंत्र में दो पहिये आते है, जो पहिये के व्यास के अनुसार डिजाइन किए जाते हैं. इस यंत्र के फ्रेम में आपको कई प्रकार की मिट्टी में काम करने वाले उपकरण देखने को मिल जाते हैं, जैसे प्रतिवर्ती ब्लेड, सीधे ब्लेड, स्वीप, वी ब्लेड, टाईन कल्टीवेटर, आयामी कुदाल, छोटे आकार में फरोअर, स्पाईक हैरो. इस यंत्र को एक व्यक्ति के द्वारा चलाने के लिए निर्मित किया गया है. इसके व्हील को बार-बार धकेलने एवं खींचने की प्रक्रिया के साथ फसलों की पंक्तियों की जमीन में धंसकर खरपतवार को कांटा या जड़ से उखाड़ा जाता हैं. इससे घास भी कट कट कर मिट्टी में दब जाती है. भारत में व्हील हैंड होई की कीमत लगभग 1200 रुपये हो सकती है.
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3. कोनो वीडर (Cono Weeder)
कोनो वीडर का उपयोग पंक्तियुक्त धान की फसल में खरपतवार को हटाने के लिए किया जाता है. इसे आसानी से चलाया जा सकता है और इसे चलाने पर पोखर मिट्टी में नहीं धंसता है. इस खरपतवार नियंत्रण करने वाले कृषि यंत्र में आपको दो रोटर, फ्लोट, फ्रेम और हैंडल देखने को मिल जाते हैं. इसमें चारो तरफ दांतेदार स्ट्रिप्स आती है. इसके रोटर आगे और पीछे कर्म में लगे होते है. इस यंत्र में फ्लोट, रोटर और हैंडल फ्रेम को एक साथ जोड़ा गया है. इसका फ्लोट कार्य की गहराई को नियंत्रित रखता है और रोटर असेम्बली को पोखर मिट्टी में धसने नहीं देता. इसे एक व्यक्ति द्वारा दबाव की प्रक्रिया से चलाया जाता है. इसके रोटर को मिट्टी के उपर 3 सेमी में आगे पीछे चलाया जाता है, जिससे फसल में खरपतवार को जड़ से उखाड़ने में मदद मिलती है. भारत में कोनो वीडर की कीमत लगभग 1500 रुपये हो सकती है.
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4. पावर टिलर स्वीप टाईन कल्टीवेटर (Power Tiller Sweep Tine Cultivator)
पावर टिलर स्वीप टाईन कल्टीवेटर का उपयोग सोयाबीन, ज्वार, काला चना और अरहर आदि जैसे खड़ी फसल में खरपतावार को नियंत्रण करने के लिए किया जाता है. इस कृषि यंत्र को 5 से 8 हॉर्स पावर जनरेट करने वाली मोटर के साथ निर्मित किया जाता है. इसकी मदद से खरपतवार को काफी आसानी से नियंत्रण किया जा सकता है. इस यंत्र के पीछे आपको एक छोटा पहिया देखने को मिल जाता है, जो गहराई को नियंत्रण में रखने में मदद करता है और एक समान गहराई को बनाए रखता है. इस यंत्र का इस्तेमाल मध्यम और हल्की मिट्टी में किया जाता है. भारत में पावर टिलर स्वीप टाईन कल्टीवेटर की कीमत लगभग 15 हजार रुपये हो सकती है.
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5. स्वचालित पावर वीडर (Automatic Power Weeder)
स्वचालित पावर वीडर का उपयोग साबुदाना, कपास, गन्ना, मक्का, टमाटर, बैंगन और दलहन जैसी फसलों में किया जाता है, जिनकी पंक्तियों की बीच की दूरी लगभग 45 सेमी से ज्यादा होती है. इस कृषि उपकरण में स्वीप ब्लेड, रिजर और ट्रोली जैसे अटेचमेंट को लगाकर आसानी से चलाया जा सकता है. पावर वीडर को डीजल से चलने वाले इंजन की मदद से चलाया जाता है. इसके इंजन की पावर वी बेल्ट-पुली के द्वारा ग्राउंड व्हील पर पहुंचाई जाती है. गहराई को बनाए रखने के लिए पावर वीडर के पीछे एक पहिया लगा होता है, जिसे टेल व्हील कहा जाता है. रोटरी वीडिंग की प्रत्येक डिस्क पर एक दूसरे के विपरीत दिशा में छह घुमावदार ब्लेड लगी होती है. इन ब्लेड तके घुमने पर मिट्टी और घास कटकर आपस में मिल जाती है. आपको बता दें, रोटरी टिलर लगभग 500 मिमी चौड़ाई में कार्य करने की क्षमता रखता है. भारत में स्वचालित पावर वीडर की कीमत लगभग 60 से 70 हजार रुपये हो सकती है.
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