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वही लोग रहते हैं खामोश अक्सर, ज़माने में जिनके हुनर बोलते हैं

कमाल की बात है न, जिसके लिए ये लेख लिखा जा रहा है वो कम बोलती हैं और जो ये लेख लिख रहा है उसका चुप रहना मुश्किल है. अगर ज्यादा बढ़ाई करुंगा तो यह चापलूसी कहलाएगी इसलिए उतना ही लिखूंगा जितना महसूस किया है.

गिरीश पांडेय
गिरीश पांडेय
Birthday Special
Birthday Special

कमाल की बात है न, जिसके लिए ये लेख लिखा जा रहा है वो कम बोलती हैं और जो ये लेख लिख रहा है उसका चुप रहना मुश्किल है. अगर ज्यादा बढ़ाई करुंगा तो यह चापलूसी कहलाएगी इसलिए उतना ही लिखूंगा जितना महसूस किया है. मेरी ज्वाइनिंग को लगभग 6 महीने पूरे होने को हैं. इन 6 महीनों में मैनें - 'Yes, I am the boss' वाली फीलिंग आपमें कभी महसूस ही नहीं की बल्कि लगा कि मैं ऑफिस आकर बॉस पर अहसान कर रहा हूं. हां ! मैं मज़ाकिया हूं लेकिन दुनिया को सूंघ रहा हूं. दफ्तर में ऐसा माहौल और ऐसा बॉस किस्मत वालों को मिलता है और अगर दफ्तर मीडिया का हो, तो ऐसा बॉस! बिल्कुल नहीं.

मैं अपने पहले दिन को आज याद करुं तो ये जैसी पहले दिन थीं वैसी ही आज भी हैं. सादगी भरा चेहरा और सादगी भरी पर्सनालिटी हो तो शायनी मैम जैसी. हां ये बात और है कि मुझे भी सादगी ही पसंद है इसलिए तारिफ कर रहा हूं, लेकिन ऐसा क्यों हैं कि जिन लोगों ने दुनिया बदली या दुनिया में नाम कमाया, वो हमेशा सादगी पसंद रहे. चाहे वो मदर टेरेसा हो, महात्मा गांधी हो, कैलाश सत्यार्थी हो, लाल बहादुर शास्त्री या कोई और. इसका जवाब शायद है मेरे पास. जो व्यक्ति अपने कपड़े-लत्तों और दूसरी चीजों में ही उलझा रहेगा वो अपने कर्म पर जिसे आज कल कर्मा कहा जा रहा है, उसपर कैसे ध्यान दे पाएगा.

आज जब भी मिस वर्ल्ड या मिस यूनिवर्स की प्रतियोगिताएं होती हैं तो सिर्फ सुंदरता को ध्यान में रखकर नहीं होती. जिसे भी जीत मिलती है उसके विचार भी जाने जाते हैं और विचारों से यह देखा जाता है कि घर और समाज के लिए कौन क्या सोचता है. ऐसा नहीं है कि मैं ओड़ने पहनने के खिलाफ हूं, सुंदर दिखना और हर दिन के साथ खुद को सुंदर बनाना या खुद से प्यार करना भी एक कला है जो हर किसी को नहीं आती. लेकिन यदि आप समाज में रहकर समाज को कुछ देना चाहते हैं तो त्याग(sacrifice) तो करना पड़ेगा. क्योंकि समाज को राह दिखाना न पहले आसान था और न अब आसान है. हम जिस क्षेत्र के लिए काम कर रहे हैं, वो शानदार है और कृषि आज ऐसा क्षेत्र है जिसपर मेनस्ट्रीम मीडिया का ध्यान नहीं है.

ऐसे में आप ऑफिस तो देख ही रही हैं लेकिन अपनी मां होने की जिम्मेदारी भी बखूबी निभा रही हैं. मैं अभी उम्र के इस पड़ाव पर नहीं पहुंचा लेकिन यह जानता हूं कि घर और ऑफिस मैनेज करना इतना भी आसान नहीं है और उसके बीच रिश्तेदारियां और दूसरे काम. खैर, आसान नहीं है लेकिन आप कर रही हैं.

पूरे कृषि जागरण परिवार की तरफ से आपको जन्मदिन की शुभकामनाएं.....

English Summary: happy birthday shiny mam Published on: 23 March 2019, 02:29 IST

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