कोरोना वायरस पूरी दुनिया पर कहर बनकर टूटा है. दुनियां में 30 लाख से ज्यादा लोग कोरोना से संक्रमित हैं जबकि भारत में यह आंकड़ा 27 हजार के पार पहुंच गया है. हर आदमी इस ख़तरनाक वायरस से परेशान है. लेकिन इसका सबसे ज्यादा असर किसानों और मजदूरों पर पड़ा है. भारत में फूलों की बागवानी करने वाले किसानों के लिए यह वायरस किसी कयामत से कम नहीं है. कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए देशव्यापी लॉकडाउन किया गया है जिसके चलते बाजार, मंदिर, मस्जिद, शादी ब्याह आदि बंद हैं. इसलिए किसानों को फूलों के खरीददार नहीं मिल रहे हैं. इससे फूलों की खेती करने वाले किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है. मजबूरन किसान पौधों से फूलों की तुड़ाई ही नहीं कर पा रहे हैं. फूल पौधों पर लगकर ही मुरझा रहे हैं.
भगवान के चरणों की शोभा बनने वाले फूल बने किसान के गले की फांस
फूल भगवान के चरणों की शोभा बढ़ाते हैं. लेकिन कोरोना वायरस के चलते लागू लॉकडाउन में सभी मंदिर, मस्जिद बंद हैं. मंदिरों में भक्तगण नहीं पहुंच रहे हैं. भगवान की साज-सज्जा में भी अब फूलों का इस्तेमाल नहीं हो रहा है. जिसके चलते किसानों को फूलों के खरीददार नहीं मिल रहे हैं. इसलिए ये फूल अब किसानों के गले की फांस बनकर रह गए हैं.
नवरात्र से सहालग तक रहती थी खासी डिमांड
गत वर्षों में फूलों की डिमांड नवरात्र शुरू होते ही बढ़ जाती थी. परिणामस्वरूप फूलों की कीमत भी इन दिनों काफी बढ़ जाती थी, लेकिन इसबार ऐसा नहीं हुआ. कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन में नवरात्र में सभी मंदिर बंद रहे. जिससे मंदिरों में भक्त नहीं गए और फूलों का इस्तेमाल भी नहीं किया गया. जिससे किसानों के फूल नहीं बिक सके. वहीं नवरात्र के बाद शुरू साहलग संबंधी अन्य सामाजिक कार्यक्रमों पर सरकार ने रोक लगा रखी है. जिससे फूलों के इस पीक सीजन में भी फूलों की डिमांड नहीं बढ़ी. मसलन किसान अपने फूलों को नहीं बेच सका.
पौधों पर ही मुरझा रहे फूल
फूलों की खेती करने वाले किसानों के साथ ऐसा कभी नहीं हुआ है कि उन्हें फूलों के खरीददार ही नहीं मिले. किसानों ने काफी समय तक तो लॉकडाउन खुलने का इंतजार किया. लेकिन अब निराश होकर फूलों की तुड़ाई बंद कर दी जिससे फूल पौधों पर ही मुरझा रहे हैं. कुछ किसान फूलों को तोड़कर फेंक रहे हैं तो कुछ इन्हें चारा कूटने वाली मशीन से कूटकर पशुओं को चारे की जगह खिला रहे हैं. बहुत से किसानों ने तो खड़ी फसल पर ट्रैक्टर तक चला दिया और अब अगली फसल की तैयारी में लग गए हैं.
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