महाभारत के युद्ध में अपनी मृत्यु से पहले कर्ण ने श्री कृष्ण से पूछा कि मेरे सभी भाईयों को गुरू का प्यार मिला, आपका आशीर्वाद मिला, समाज में गौरव प्राप्त हुआ, इसलिए वो धर्म के मार्ग को जानते थे. लेकिन मैं जन्म से अभागा था, मेरी मां ने मुझे त्याग दिया, क्या ये मेरा अपराध था. इस समाज ने मुझे…
बात पुरानी है, मेरे बचपन की, जब बेर के पेड़ों पर चुड़ैल और पीपल पर भूत रहा करते थे. तमाम कहानियां थीं,जो अक्सर दादी और नानी सुनाया करती थीं. वो दौर था चिट्ठी का, टेलीफोन का, संचार क्रांति और इंटरनेट से अछूता एक दौर. दसवीं की बोर्ड परीक्षा देकर मैं गांव आया था. दादी जी और दादा जी को इंतजार…
कोरोना वायरस पूरी दुनिया पर कहर बनकर टूटा है. दुनियां में 30 लाख से ज्यादा लोग कोरोना से संक्रमित हैं जबकि भारत में यह आंकड़ा 27 हजार के पार पहुंच गया है. हर आदमी इस ख़तरनाक वायरस से परेशान है. लेकिन इसका सबसे ज्यादा असर किसानों और मजदूरों पर पड़ा है. भारत में फूलों की बागवानी करने वाले किसानों के…
आज की कहानी ये है कि किसान का बेटा किसान नहीं बनना चाहता. अपने खेतों और ज़मीनों पर खेती करने के बजाय किसान उन्हें बेच रहा है क्योंकि वो जानता है कि उसकी आने वाली पीढ़ी कभी खेती नहीं करेगी. यहां तक कि उनकी कृषि और खेती-बाड़ी में कोई रुचि नहीं है. लेकिन आज इस लेख में आपको पता चलेगा…
वक्त अपने-आप को दोहराता है, यह झूठ नहीं है सच है. इस सच को मैं अपनी आंखों के सामने सार्थक होते देख रहा हूं. किस्सा पुराना ज़रुर है पर है रोचक. महाभारत में द्रौपदी के अपमान के बाद भीम ने भरी राजसभा में दो प्रतिज्ञाएं ली. एक यह कि वह द्रौपदी के वस्त्र चीर हरण करने वाले…
एक असफल आदमी अपनी असफलता के लिए हजारों बहाने बना सकता है. हज़ारो बहानें आपको गिना सकता है, ओर कईं बार हम भी अपनी ज़िंदगी में यही करते हैं कई बहानें देते रहते हैं. लेकिन आज मैं आपको एक सच्ची कहानी बताने जा रहा हूँ, ये एक ऐसी लड़की की कहानी है जिसकी जिंदगी मे आम लोगो से कई अधिक…
जिला कांगड़ा के सुगड़वाला में स्थित छोटी नागनी माता का प्रसिद्ध मंदिर है. यह मंदिर भडवार (नूरपुर) नामक गांव में स्थित है. यह स्थान पठानकोट से 13 किलोमीटर कांगड़ा रोड पर स्थित है. बस के द्वारा बड़ी आसानी से 10-15 मिनट में यहां पहुंचा जा सकता है. कांगड़ा घाटी में रेल के द्वारा भी 'कंडवाल बैरिअर हाल्ट' पर उतर कर…
यह लेख लिखना आवश्यक नहीं है फिर भी लिख रहा हूं क्योंकि मैं भी एक मूर्ख हूं. बचपन में बड़ों से यही सुनता आया कि सबका दिमाग एक जैसा होता है इसलिए अगर शर्मा जी का लड़का टॉप कर सकता है तो तुम क्यों नहीं. मन ही मन खुद को कोसता था और सोचता कि बात तो सही है. लेकिन…