
वोट देने वाले पागल
लेने वाले चालाक हैं
ये तो कोई नईं बात नहीं
अरे ! सब मज़ाक है
ढिंढोरा है दुनिया में
के ऊंची हमारी नाक है
किसान,मज़दूर,भाई-बंधू
अरे ! सब मज़ाक है
ये कागज़-कलम ये फर्ज़ी फाइलें
कुछ नहीं है ख़ाक है
दिखावा है जी दिखावा
सब मज़ाक है !
करोड़ों में चंद हैं ये
होना सबका हिसाब है
किसको,कैसे,क्यों चुने
मौज करो, सब मज़ाक है !
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