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पीली या काली सरसों! स्वाद, सेहत और खेती के नजरिए से जानिए किसका असर है ज्यादा जबरदस्त

Agriculture News: सरसों एक ऐसा मसाला है, जिसकी रसोई में अपनी अलग ही पहचान है. इसका इस्तेमाल भारतीय रसोई में मुख्य रुप से किया जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि सरसों दो प्रकार की होती है- पीली और काली? तो आइए जानिए इन दोनों सरसों में कौन-सी अधिक फायदेमंद है.

KJ Staff
mustard
पीली या काली सरसों, जानिए किसका असर है ज्यादा जबरदस्त (Image Source - AI generate)

भारत की रसोई में सरसों केवल एक मसाला नहीं, बल्कि परंपरा, स्वाद और सेहत का मजबूत आधार है. दाल सब्जी में लगने वाला सरसों का तड़का हो या सर्दियों में सरसों के तेल से बनी रोटियां यह छोटा-सा दाना हर व्यंजन का स्वाद बदल देता है, लेकिन हर व्यक्ति के मन में बस यह सवाल रहता है कि पीली सरसों ज्यादा लाभकारी है या फिर काली सरसों? आइए जानते हैं इन दोनों सरसों में क्या खासियत है और खेती में क्या अंतर है.

पीली सरसों: हल्की, मृदु और पौष्टिक

अगर हम पीली सरसों की खासियत की बात करें तो पीली सरसों का स्वाद हल्का और कम तीखा होता है. यही वजह है कि उत्तर भारत में इसका इस्तेमाल चटनी, अचार, सॉस और सलाद बनाने में अधिक रुप से किया जाता है. साथ ही इसका तेल हल्का माना जाता है, जिससे खाना पचाने में भी आसानी होती है.

वहीं, पोषक तत्वों की बात करें, तो इसमें विटामिन A, C और E, मैग्नीशियम, कैल्शियम और फाइबर अच्छी मात्रा में पाए जाते हैं. ये तत्व पाचन तंत्र को भी मजबूत करते हैं और साथ ही शरीर को अंदर से स्वस्थ रखते हैं.

सेहत पर किसका असर ज्यादा?

अगर बात केवल सेहत की करें तो दोनों ही सरसों अपने- अपने तरीके से फायदेमंद हैं इस प्रकार-

  • हल्के पाचन और रोजमर्रा के भोजन के लिए पीली सरसों का सेवन बेहतर माना जाता है.

  • वहीं, सर्दी, दर्द और गर्म तासीर की जरूरत हो, तो ऐसे में काली सरसों का सेवन लाभकारी माना जाता है. यानी की असर व्यक्ति की जरुरत और मौसम पर निर्भर करता है.

काली सरसों: तीखी, गर्म और असरदार

काली सरसों, जिसे आम भाषा में राई कहां जाता है, स्वाद में तीखी और झनझनाती होती है. साथ ही इसका उपयोग दक्षिण भारत, बंगाल और पूर्वी भारत की रसोई में खूब किया जाता है. सांभर, उपमा और विभिन्न सब्जियों में राई का तड़का खाने का स्वाद कई गुना बढ़ा देता है.

इसके अलावा काली सरसों की तासीर गर्म होती है. यह जोड़ों के दर्द, मांसपेशियों की अकड़न, सर्दी- जुकाम और रक्त संचार को बेहतर करने में मदद करता है.

खेती में क्या बड़ा फर्क?

सरसों की खेती को भारत में रबी सीजन की प्रमुख फसलों में गिना जाता है, लेकिन वहीं बात करें काली और पीली सरसों का तो दोनों में इस प्रकार अंतर देखने को मिलता है- पीली सरसों ठंड के मौसम में किसानों को अच्छी पैदावार देती है. किसान इससे तेल के साथ-साथ फूलों का भी फायदा उठा लेते हैं, क्योंकि इसका उपयोग मधुमक्खी पालन और शहद उत्पादन में किया जाता है, जिससे अच्छी आमदनी हो जाती है.

English Summary: Yellow or black mustard seeds Know powerful effect Published on: 29 December 2025, 04:58 PM IST

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