भारतीय घरों में उड़द की दाल (Black Gram) का सेवन अधिक तौर पर किया जाता है. इसे छिलके वाली काली दाल भी कहा जाता है. यह स्वाद में बेहद लजीज होती है, साथ ही सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद (Benefits) होती है. इतना ही नहीं, इस दाल को आयुर्वेदिक दवाओं के रूप में भी प्रयोग किया जाता है.
इसका आयुर्वेदिक नाम 'माशा' है. उड़द की दाल में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फैट, आयरन, फोलिक एसिड, विटामिन बी, कैल्शियम, मैग्नीशियम और पोटेशियम की भरपूर मात्रा पाई जाती है. यही कारण है कि यह दाल गर्भवती महिलाओं के लिए एक हेल्थ पैकेज की तरह काम करती है. आइए आपको उड़द की दाल से होने वाले फायदों के बारे में बताते हैं.
पाचन क्रिया बनाए बेहतर
उड़द की दाल को अपने भोजन में शामिल करके आप डायरिया, कब्ज, पेट में ऐंठन या सूजन जैसी परेशानियों से छुटकारा पा सकते हैं. यह दाल बवासीर और कॉलिक डिसऑर्डर की समस्याओं को दूर करती है, साथ ही लिवर को हेल्दी रखती है. इसमें फाइबर की भरपूर मात्रा पाई जाती है. यह दाल घुलनशील और अघुलनशील, दोनों ही तरह के डाइजेशन को सही रखती है.
दिल के लिए है अच्छी
इसमें फाइबर, मैग्नीशियम और पोटैशियम भरपूर होता है, जो कि हमारे दिल की सेहत को बनाए रखता है. यह कोलेस्ट्रॉल लेवल को भी सही रखता है, साथ ही एथेरोस्क्लेरोसिस को भी कंट्रोल में रखता है, इसलिए कार्डियोवस्कुलर सिस्टम हेल्दी रहता है.
मिलती है एनर्जी
इस दाल में आयरन होता है, जो कि लाल रक्त कोशिकाओं के बनने में मदद करता है. इसके साथ ही शरीर के सभी अंगों में ऑक्सीजन ले जाने के लिए जिम्मेदार है. उड़द की दाल खाने से बॉडी में आयरन के साथ-साथ एनर्जी भी बनी रहती है.
हड्डियों को बनाए मजबूत
इसका सेवन हड्डियों के मिनरल डेन्सिटी को बेहतर बनाता है. अगर आप नियमित रूप से इसका सेवन करते हैं, तो हड्डियो से संबंधित कोई समस्या नहीं होती है.
नर्वस सिस्टम को बनाती है मजबूत
हमारे नर्वस सिस्टतम के लिए उड़द की दाल अच्छी होती है, साथ ही हमारे ब्रेन को हेल्दी रखती है. अगर किसी को लकवा समेत कोई बीमारी हो जाए, तो उसे सही करने के लिए आयुर्वेद में इसका इस्तेमाल होता है. यह दाल तनाव को भी कम करती है.
डायबिटीज को करती है कंट्रोल
इस दाल में फाइबर की भरपूर मात्रा पाई जाती है, जो शुगर और ग्लूकोज के लेवल को नॉर्मल बनाए रखता है. इस कारण यह डायबिटीज को भी कंट्रोल में रखती है.
जोड़ों और मांसपेशियों के दर्द में आराम
दर्द और सूजन में उड़द की दाल का पेस्ट लगाने से काफी आराम मिलता है. इसके अलावा त्वचा की जलन को कम करने, टैन और सनबर्न से छुटकारा दिलाने में भी मदद करती है.
सिरदर्द के लिए फायदेमंद उड़द दाल
अगर आपको काम के तनाव और भागदौड़ भरी जिंदगी के वजह से सिरदर्द की शिकायत रहती है तो उड़द का घरेलू उपाय बहुत लाभकारी सिद्ध हो सकता है. 50 ग्राम उड़द को 100 मिली दूध में पकाकर उसमें घी डालकर खाने पर सिर दर्द में राहत मिलती है
नकसीर में फायदेमंद उड़द दाल
कुछ लोगों को अत्यधिक गर्मी या ठंड के कारण भी नाक से खून बहने की समस्या होती है। उड़द दाल से बना घरेलू उपाय नाक से खून बहना कम करने में काम आता है। उड़द के आटे का तालू पर लेप करने से नाक से खून (नकसीर) आना कम होता है।
लकवे में फायदेमंद उड़द दाल
उड़द, बला, केवाँच, कत्तृण, रास्ना, अश्वगंधा तथा एरण्ड को समान मात्रा में लेकर उसका काढ़ा बनाएं फिर 25-30 मिली काढ़े में हींग तथा सेंधानमक मिलाकर पिएं तथा भोजन करने के 12 घण्टे बाद जिस तरफ में दर्द है उस तरफ के नाक के छेद द्वारा 5-10 मिली की मात्रा में ग्रहण करने से लकवा, गर्दन की जकड़ाहट, कान का दर्द एवं अर्दित रोग से 1 सप्ताह में आराम मिलने लगता है।
(यह लेख सामान्य जानकारी के लिए है. अगर आप किसी भी चीज का सेवन करना चाहते हैं, तो एक बार अपने डॉक्टर या विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.)
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