भारत में कई कुदरती पौधे पाए जाते हैं, जिनमें मेहंदी के पौधे का नाम भी शमिल है. इसके पत्तों, फूलों, बीजों एवं छालों में कई औषधीय गुण समाए हैं. प्राचीन काल से ही हाथों पर मेहंदी लगाने की प्रथा रही चलती आ रही है.
सुहागिन स्त्रियों के लिए मेहंदी का श्रृंगार, सुंदरता और सौम्यता का प्रतीक माना जाता है. आयुर्वेद में इसके रोग-निवारक गुणों की महिमा का पूरा वर्णन मिलता है. सच कहें, तो मेहंदी सौंदर्य में चार चांद लगा देती है. शादी ही नहीं, बल्कि राखी, तीज, होली, ईद, दीपावली और करवाचौथ जैसे कई त्योहारों पर मेहंदी लगाना शुभ माना जाता है. जहां मेहंदी हथेली और बालों की सुंदरता को निखारती है, तो वहीं स्वास्थ्य के लिए भी बहुत लाभदायक है, तो आइए मेहंदी के स्वास्थ्य संबंधी फायदों (Mehandi Benefits) के बारे में जानते हैं.
आंखों के लिए मेहंदी का प्रयोग
अगर आपकी आंख लाल रहती है, जलन होती है, आंखों में संक्रमण की समस्या है या फिर आंखों में दर्द रहता है, तो इसके लिए मेहंदी के पत्तों को पीसकर लुग्दी या टिकिया बना लें. इसके बाद टिकिया को रूई के ऊपर रखकर आंख पर बांधें. इससे आंख की सूजन, लालिमा व दर्द में काफी फायदा मिलेगा.
पीलिया में मेहंदी का प्रयोग
जिन लोगों को पीलिया की शिकायत है, वे लोग 3 से 5 ग्राम पत्तियों को कूटकर मिट्टी के बर्तन में 300 से 400 ग्राम पानी में रात को भिगो दें. इसके बाद सुबह पत्तियों को छानकर पानी को खाली पेट पिएं. इससे पीलिया की शिकायत दूर हो जाएगी. इसके अलावा पाचन क्रिया भी सही हो जाएगी.
मूत्र रोगों में मेहंदी का प्रयोग
जिन लोगों को धातु रोग है, पेट की पथरी है और पेशाब की समस्या है, तो उन लोगों के लिए मेहंदी की छाल बहुत लाभकारी साबित होगी. इसके लिए 2 से 3 ग्राम मेहंदी की छाल और 2 से 3 ग्राम मेहंदी की पत्तियों को आधा किलो पानी में पकाएं, जब पानी आधा बच जाए, तो उसे छानक लें और ठंडा करके उसे नियमित रूप से पिएं. इस तरह पथरी व पेशान संबंधी समस्या से मुक्ती मिल जाएगी. इसके अलावा जिनका E.S.R (Erythrocyte Sedimentaion Rate) बढ़ा हुआ है, उसमें भी यह बहुत ही लाभकारी है.
घुटने के दर्द में मेहंदी का प्रयोग
अगर आप घुटने के दर्द से परेशान हैं, तो अरंड के पत्ते और मेहंदी के पत्तों को पीसकर सरसों व अरंड के तेल में हल्का भुन लें, जब वह पेस्ट सा बन जाए, तो रूई फैलाकर घुटने पर बांध लें. मेहंदी शीतल होने के साथ ही वायु शामक भी है. इससे घुटने के दर्द और सूजन से राहत मिलेगी.
त्वचा रोग में मेहंदी का प्रयोग
अगर आप त्वचा संबंधी किसी भी रोग से परेशान हैं, तो मेहंदी व नीम के पत्तों को पीसकर इस जगह पर मालिश करें.
मूर्छा में मेहंदी का प्रयोग
अगर कोई गर्मी के कारण मूर्छा हो गया है, तो मेहंदी के पत्तों को पीसकर उसमें मिश्री मिलाकर शरबत बनाकर पिलाएं.
पैरों के अकड़न में मेहंदी का प्रयोग
अगर पैरों में अकड़न रहती है, मरोड़ें होती हैं, त मेहंदी व निर्गुणी के पत्तों को उबालकर उस पानी से पैरों की सिकाई करें. इससे जल्द ही राहत मिलेगी.
जलने में मेहंदी का प्रयोग
अगर कोई जल जाता है और जले हुए जगह पर जलन होती है, तो मेहंदी के पत्तों को पीसकर उसमें थोड़ा शहद मिलाकर उस जगह पर लगाएं. इससे काफी जल्द राहत मिलेगी.
फोड़े फुंसी में मेहंदी का प्रयोग
अगर आप या आपके बच्चे फोड़े-फुंसी से परेशान हैं, तो इसके लिए मेहंदी व नीम की पत्तियों को पीसकर इसका लेप उस जगह लगाएं.
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