सरसों बोलते ही सबके जहन में सरसों का तेल ही आता है पर आज हम आपको सिर्फ सरसों के तेल के ही नहीं बल्कि सरसों के बीजों और उसके बाकी चीजों के फायदे और नुकसान के बारे में भी बताएंगे. सरसों हजारों वर्षों से औषधि और खाने में प्रयोग की जाती हैं. इसके बीजों में कैल्शियम, मैंगनीज, ओमेगा-3 फैटी एसिड, लोहा, जस्ता, प्रोटीन और आहार फाइबर काफी अधिक मात्रा में पाया जाता हैं.
अगर आप उबलते तेल में इसके बीजों को डालकार तड़का मारते है तो सब्जी में एक अलग तरह का स्वाद आता है. यह विभिन्न किस्मों में उपलब्ध है जैसे काली सरसों, सफेद सरसों और भूरे रंग की भारतीय सरसों, साथ ही साथ चूर्ण के रूप में भी इसका सेवन हमारे शरीर के लिए बहुत फायदेमंद है. तो आइए जानते है इसके सेवन के लाजवाब फ़ायदों के बारे में...
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सरसों का तेल हमारी त्वचा के लिए बहुत लाभकारी माना जाता है क्योंकि यह हमारे शरीर में गर्मी पैदा करता है.
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सरसों के बीजों में एक सेलेनियम नामक पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाया जाता हैं, जो इसके उच्च विरोधी भड़काऊ प्रभावों के लिए जाना जाता है इसके बीजों में मैग्नीशियम का उच्च स्रोत अस्थमा के अटैक और रक्तचाप को कम करने में सहायक है.
जिन लोगों को ज्यादा भूख लगती हैं, उनको खाना खाने के 20 मिनट पहले दूध के साथ कुछ काली सरसों के बीजों का सेवन करना चाहिए.
सरसों के पौधे की जड़ों का लेप शरीर के हिस्सों पर लगाने से कई तरह की समस्यायों से निजात पायी जा सकती है. जैसे कैंसर, मधुमेह आदि.
इसके बीजों के लगातार सेवन से गठिया और मांसपेशियों के दर्द से बहुत जल्द राहत मिलती है
सरसों में मौजूद यासिन और विटामिन बी 3 भरपूर मात्रा में होते है. जो गठिया की समस्या से बचाता है जिससे हमारे शरीर में रक्त प्रवाह ठीक रहता है.जिसकी वजह से ब्लड प्रेशर जैसे समस्या से भी निजात मिलती है.
सरसों के सेवन के नुकसान (Side effects of mustard)
सरसों के तेल का खाने में एक बार इस्तेमाल करने के बाद दोबारा इस्तेमाल करने से कैंसर जैसी समस्या का खतरा बढ़ने का डर रहता है.
इसलिए जितना हो सके ताजे तेल में खाना पकाए.
सरसों के बीजों में अधिक मात्रा में विटामिन-ई पाया जाता है. जिससे इसके ज्यादा सेवन से दिमाग में खून बहने का खतरा बन सकता है.
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