कुम्हड़ा एक द्विबीज पत्री पौधा होता है.इसका तना पूरी तरह से हरा, लंबा, कमजोर व हरे रंग का होता है. यहां पर छोटे-छोटे रोये होते है. इसकी पत्तियां हरी, चौड़ी और वृत्ताकार होती है, इसका फूल पीले, पूर्ण नियमित और घंटाकार होता है. नर और मादा पुष्प अलग-अलग होते है. इसके नर पुष्प में तीन पुंकेसर होते है जिनमें दो जोड़ा बनाकर औरतीसरा पूरी तरह से स्वतंत्र होता है. इसके फल के अंदर काफी बीज पाए जाते है. यह कददू हद्यरोगियों के लिए काफी ज्यादा लाभदायक होता है. साथ ही यह पेट से जुड़ी समस्याओं से भी छुटकारा दिलवाने में काफी सहायक होता है, कददू रक्त शर्करा की मात्रा को नियंत्रित होता है. तो आइए जानते है कि कद्ददू के क्या-क्या फायदे होते है-
कददू के गुण
कददू के अंदर सेचुरेटेड फैट नहीं पाया जाता है. इससे शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा काफी कम बनी रहती है. इसके सेवन से दिल काफी सेहतमंद रहता है, इसमें पाए जाने वाले डायटरी फाइबर से पेट की बीमारियों में आराम मिलता है.
एंटी ऑक्साइड से भरपूर
कददू में मुख्य रूप से बीटा केरोटीन पाया जाता है. इससे आपको विटामिन ए भी मिलता है. पीले और संतूरी रंग के कददू में केरोटीन की मात्रा अपेक्षाकृत ज्यादा होती है. बीटा केरोटीन एंटी ऑक्साइड होता है जो कि शरीर में फ्री रेडिकल से निपटने में मदद कररता है.
ठंडक पहुंचाएं
कददू ठंडक पहुंचाने वाला होता है. इसे डंठल की ओर से काटकर तलवों पर अगर आप रगड़ ले तो आपकी शरीर की गर्मी खत्म हो जाती है. इससे बदन की हरारत भी दूर हो जाती है.
कददू का जूस
कददू के जूस का सेवन आपको भरपूर मात्रा में करनी चाहिए. इसमें बड़ी मात्रा में पाया जाने वाला जिंक शरीर को सुरक्षा दिलाने का काम करता है. ऑस्टिपोरोसिस में हड्डियां कमजोर पड़ जाती है इसका कारण जिंक की कमी होती है. इस बीमारी में कदूद के ज्यादा बीज का सेवन करें.
हद्यरोगियों के लिए
कददू का सेवन करना हद्यरोगियों के लिए काफी लाभदायक माना जाता है. यह आपके कोलेस्ट्रॉल को कम करता है. यह शरीर को ठंडक पहुंचाने वाला होता है.
डायबिटीज के लिए फायदेमंद
यह आपके रक्त में शर्करा की मात्रा को नियंत्रित करता है. इसीलिए चिकित्सक मधुमेह रोगियों को कददू खाने की सलाह देते है.
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