Dragon fruit: ड्रैगन फ्रूट एक ऐसा फल है, जो कि कमल के फूल की तरह दिखाई देता है. इसलिए इसको भारत में कमलम के नाम से भी जाना जाता है. दरअसल इसका ये नाम गुजरात सरकार ने रखा था. लेकिन आपको बता दें की ड्रैगन फ्रूट सबसे ज्यादा थाईलैंड, इजरायल और श्रीलंका शहरों में बहुत प्रसिद्ध है. लेकिन अब ड्रैगन फ्रूट की डिमांड भारत में बहुत तेजी से बढ़ती हुई दिखाई दे रही है और इसकी खेती भी भारत में हाल ही में प्रचलित हुई है. दरअसल आपको बता दें कि ड्रैगन फ्रूट कई बड़ी बड़ी बीमारियों से लड़ने में बेहद कारगर है. जो लोग मधुमेह कार्डियो- वैस्कुलर और अन्य तनाव संबंधी बीमारियों से पीड़ित लोग हैं, उन्हें इनका सेवन जरूर करना चाहिए.
ड्रैगन फ्रूट की खेती करने के कुछ जरुरी नियम
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ड्रैगन फ्रूट की खेती को गड्ढेदार जमीन की जरुरत होती है.
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जमीन में गड्ढा एक पंक्ति में 3 मीटर की दूरी पर तैयार किया जाता है.
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प्रत्येक गड्ढा 4 फिट व्यास और डेढ़ फुट गहरा जरूर होना चाहिए.
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गोबर की खाद और रासायनिक उर्वरक को मिट्टी में मिलाकर गड्ढों में अच्छे से भर दें.
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हर गड्ढे में कम से कम 4 मीटर की दूरी होनी जरूरी है.
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ड्रैगन फ्रूट की खेती सूखे की स्थिति और खराब मिट्टी दोनों में आराम से हो सकती है.
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ड्रैगन फ्रूट के पौधों को आप बाजार से खरीद सकते हैं.
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बता दें कि जितने पुराने पौधों से खेती करेंगे खेती उतनी ही अच्छी उपज होगी.
कितने प्रकार के होते हैं ड्रैगन फ्रूट
1. सफेद गुदे वाला लाल रंग का फल, ड्रैगन फ्रूट
2. सफेद गुदे वाला पीले रंग का फल, ड्रैगन फ्रूट
3. लाल गुदे वाला लाल रंग का फल ड्रैगन फ्रूट
ड्रैगन फ्रूट का सेवन से शरीर को होने वाले लाभ
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ड्रैगन फ्रूट शरीर में कोलेस्ट्रॉल लेवल को कंट्रोल करता है.
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शुगर डायबिटीज से पीड़ित व्यक्तियों को इसका सेवन करना चाहिए.
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ड्रैगन फ्रूट स्वास्थ्य के जरूरी पोषक तत्व की कमियों को दूर करने में मदद करता है.
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हार्ट अटैक जैसी बड़ी बीमारियों से बचाव के लिए बहुत काम आता है.
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ड्रैगन फ्रूट में एंटीऑक्सीडेंट के गुण भरपूर मात्रा में होते हैं.
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ड्रैगन फ्रूट शरीर में पोटेशियम और विटामिन सी की कमी को दूर करता है.
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