पत्तागोभी एक ऐसी सब्जी जो कि आए दिन आपके घर में बनती रहती है. कभी आप इसे सलाद के रूप में खाते हैं तो कोई इसकी अलग-अलग तरीके से सब्जी बनाकर खाना ज्यादा पसंद करता है. लेकिन यह सब्जी ज्यादा अच्छी होने के साथ ही दूसरी ओर आपकी सेहत पर भी प्रभाव डालती है. जी हां, पत्तागोभी के अंदर टेपवर्म नाम का कीड़ा होता है. यह कीड़ा पत्तागोभी के अंदर छिपा हुआ होता है लेकिन यह किसी कारण से दिखाई नहीं देता है. इसीलिए ज्यादातर लोग धोकर ही इसकी सब्जी को बनाते हैं. कई बार तो ऐसा भी होता है कि कई लोग चीज मंगाते समय पत्तागोभी को हटाने की बात करते हैं. खासतौर से बर्गर, चाऊमीन और पिज्जा खाते समय लोग ऐसी ही मांग करते हैं. आइए जानते हैं कि आखिर ऐसी कौन -कौन सी वजह है जिसके कारण लोग पत्तागोभी खाने से तौबा करने लगे हैं-
लोगों के मन में है डर
जो लोग पत्तागोभी खाते हैं उनके मन में इसके कृत्रिम वॉर्म यानि की कीड़े को लेकर हमेशा से ही डर बना रहता है. जब भी आप पत्तागोभी का सेवन करते हैं तो यह शरीर में पहुंच जाता है और फिर दिमाग में प्रवेश कर जाता है. दिमाग में पहुंच जाने पर यह कीड़ा आपके लिए बेहद ही जानलेवा साबित होता है. इसे फीताकृमि भी कहते हैं.
सेहत के लिए घातक
तो आइए जानते हैं कि पत्तागोभी का कीड़ा मानव की सेहत के लिए किस तरीके से घातक है-
1. खून की कमी- पत्तागोभी का कीड़ा जैसे ही शरीर में पहुंच जाता है यह आपकी आंतों से चिपक जाता है. उसके बाद आंतों से चिपक कर ये खून भी चूसने लगता है जिससे शरीर में खून की कमी हो जाती है.
2. लीवर किडनी- लीवर और किडनी के लिए यह बेहद ही ज्यादा घातक होते हैं. यह कीड़े वहां पहुंच कर सूजन और घाव बना देते हैं.
3. मिर्गी बीमारी- यदि यह कीड़ा किसी कारण से दिमाग में पहुंच जाए तो यह दिमागी बुखार और मिर्गी जैसी बीमारियों का कारण बनते हैं.
टेपवर्म कीड़े से बचने के लिए क्या करें-
1. पत्तागोभी की सब्जी को बनाने से पहले गर्म पानी में अच्छे से धो लें.
2. पत्तागोभी को अधपका बिल्कुल भी ना खाएं, पूरा पकने पर ही इसका सेवन करें.
ऐसे करें रोकथाम-
पत्तागोभी या कुछ अन्य सब्जियों का सेवन करते समय बेहद ही सावधानी रखने की जरूरत है. इसके लिए व्यक्तिगत तौर पर साफ-सफाई को रखना बेहद ही ज्यादा जरूरी है. नाखूनों को काटकर रखें, साफ-सुथरे बर्तन में ही खाना खाएं. इसके अलावा कहीं बाहर जाते समय दूषित पानी को ना पिएं हो सके तो अपने साथ खुद का पीने का पानी साथ ले जाएं. इस तरीके के प्रयोग से आप इससे होने वाले नुकसान से आसानी से बच सकते हैं.
किशन अग्रवाल, कृषि जागरण
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