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अपने शरीर के बारे में कितना जानते हैं आप ?

मानव शरीर ईश्वर की सबसे बेहतरीन कला और देन है. यह एक ऐसा वरदान है जिसका यदि ख्याल रखा जाए तो यह जीवन को सुख और आनंद से भर देती है. आज हम इस लेख के माध्यम से न तो आपको किसी बीमारी के बारे में सूचना देंगे और न ही कोई घरेलू उपचार बताएंगे

गिरीश पांडेय

मानव शरीर ईश्वर की सबसे बेहतरीन कला और देन है. यह एक ऐसा वरदान है जिसका यदि ख्याल रखा जाए तो यह जीवन को सुख और आनंद से भर देती है. आज हम इस लेख के माध्यम से न तो आपको किसी बीमारी के बारे में सूचना देंगे और न ही कोई घरेलू उपचार बताएंगे. आज हम आपको आपके शरीर के संबंधित जानकारी देंगे. हमारी आशा है कि आपको यह लेख पसंद आएगा.

क्या है मानव शरीर ?

मानव शरीर दरअसल अनगिनत सैल्स से बना एक ऐसा ढ़ांचा है जिसमें कईं तरह के बदलाव और क्रियाएं होती रहती हैं. शरीर के हर भाग हर अंग का अपना कार्य होता है. हर कोई अपने-अपने स्तर पर कार्य करता है. दिल अपनी जगह धड़कता है, खून अपनी जगह पहुंचता है और पेट अपना काम करता है परंतु जब मानव अपने शरीर के प्रति सजग नहीं होता तो वह कुछ ऐसे काम करता है जिससे शरीर के अंगों की क्रियाएं बाधित होती हैं. जिसके चलते हम बीमार हो जाते हैं और हमारा शरीर कमज़ोर होने लगता है. इसलिए यह जरुरी है कि आप ऐसे काम न करें जिसकी इजाज़त प्रकृति ने आपको नहीं दी है. ऐसा करने से आपको भविष्य में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.

स्वस्थ रहना है बेहद आसान

स्वस्थ रहना आज के दौर में मुश्किल है क्योंकि हवा और पानी प्रदूषित है किंतु आज हम शिक्षा के एक  बेहतर स्तर पर हैं और हम भली-भांति अपने शरीर को जानते हैं. हम यह भी जानते हैं कि वह कौन सी आदतें और नुस्खे हैं जिनसे हम स्वस्थ रह सकते हैं. आइए इनकी जानकारी आपको देते हैं -

दूध वाली चाय छोड़ दें

यदि आपको जीवनभर स्वस्थ रहना है तो आप सबसे पहले अपनी दिनचर्या बदलें. रोज़ सुबह उठकर दूध वाली चाय पीना छोड़ दें. इसके अलावा भी इस दूध वाली चाय को अपने जीवन से दूर ही रखें. इसकी वजह यह है कि यह दूध वाली चाय हमारे शरीर में गैस उत्पन्न करती है जिससे हमें अपच और कब्ज जैसी बीमारियां हो जाती हैं.

भोजन का स्लाइवा बना लें     

ईश्वर ने हमारे शरीर में अलग-अलग अंग इसलिए दिए हैं ताकि हम अलग-अलग काम कर सकें. अधिकतर यह देखा गया है कि लोग भोजन को खाते नहीं, निगलते हैं. इतनी जल्दी-जल्दी भोजन करते हैं कि भोजन जैसा होता है वैसा ही पेट के भीतर जाता है. ऐसा बिल्कुल न करें. दांतों का उपयोग कर भोजन को इतना चबाएं कि उसका स्वाइवा बन जाए और फिर वह हमारे पेट में जाए. ऐसा करने से पेट पर कभी जोर नहीं आएगा और पेट की क्रियां निरंतर जारी रहेगी.

हर सुबह गर्म पानी 

सबसे आखिर में सबसे जरुरी बिंदु यह है कि यदि आपको जीवन को आनंदमय बनाना है तो आप हर रोज़ सुबह उठकर सबसे पहले 1 से 2 गिलास गुनगुना पानी पी लिजिए. सुबह पीया जाने वाला यह गुनगुना पानी हमारे पूरे शरीर को स्वस्थ रखता है. यह पानी हमारे गले, फेफडों, आंतों और मलद्वार को स्वस्थ और ताज़ा रखने में अहम भूमिका निभाता है.

English Summary: avoid and leave milk tea Published on: 28 February 2019, 11:42 AM IST

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