लोगों का आयुर्वेद की तरफ बढ़ता झुकाव एक नई बाजार को जन्म दे रहा है. लोगों के आयुर्वेद की तरफ बढ़ती झुकाव के वजह से ही आजकल किसान भी औषधीय पौधों की खेती करने में अपनी दिलचस्पी दिखा रहे हैं. इसी कड़ी में एलोवेरा की व्यापार को एक नया स्वरुप भी मिला है.
लघु उद्योगों व कंपनियों से लेकर बड़ी-बड़ी मल्टिनेशनल कंपनियां भी एलोवेरा का व्यापर करके लाखों करोड़ो रुपए कमा रही हैं.वैसे आज के समय में हर कोई एलोवेरा के नाम और उसके गुणों से परिचित हैं. ऐसे में किसान एलोवेरा की खेती करके लाखों रुपए कमा सकते हैं. इसके लिए 1 हेक्टेयर जमीन में केवल 50 हजार रुपए निवेश करके किसान 5 साल तक हर साल 8 से 10 लाख रुपए कमा सकते हैं. इससे मोटी कमाई का एक दूसरा जरिया भी हैं वो है एलोवेरा की प्रोसेसिंग यूनिट लगाकर जूस बेचकर कमाई. इसके लिए 6 से 7 लाख रुपए निवेश करना होगा और कमाई 20 लाख रुपए से 1 करोड़ रुपए तक हो सकती है.
एलोवेरा की खेती (Aloe Vera Cultivation)
एलोवेरा की खेती को एक हेक्टेयर मानक पर समझा जा सकता है. इंडियन काउंसिल फॉर एग्रीकल्चफर रिसर्च (आईसीएआर) के मुताबिक, एक हेक्टेकयर में प्लांटेशन का खर्च तक़रीबन 27,500 रुपए आता है.
जबकि खेत की तैयारी और खाद आदि जोड़कर इसका पहले साल का खर्च 50,000 रुपए तक पहुंच जाता है. बता दे कि एलोवेरा की एक हेक्टेयर खेती से लगभग 40 से 45 टन मोटी पत्तियां निकलती हैं जिनकी मंडियों में कीमत लगभग 15,000 से 25,000 रुपए प्रति टन होती है. इस हिसाब से यदि आप अपनी फसल को बेचते हैं तो आप आराम से 8 से 10 लाख रुपए कमा सकते हैं.
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इसके अलावा दूसरे और तीसरे साल में पत्तियां 60 टन तक हो जाती हैं. जबकि, चौथे और पांचवे साल में प्रोडक्शन में लगभग 20 से 25% की गिरावट देखने को मिलती है.
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