अगर आप तेजपत्ता की खेती करने में दिलचस्पी रखते है तो आप आसानी से इसकी खेती कर सकते हैं इसे अंग्रेजी में 'बे लीफ' कहा जाता है इसकी खेती हमारे देश में एक प्रॉफिटेबल बिजनेस भी है. यह एक प्रकार का शुष्क और सुगन्धित पत्ता होता है,
जिसका ज्यादातर उपयोग खाने को स्वादिष्ट बनाने के लिए मसाले के रूप में किया जाता है. इसका उत्पादन कई वर्षो से किया जा रहा है. इसकी खेती सबसे पहले भूमध्य और इसके खेती के उपयुक्त देशों में होती थी. परन्तु अब इसका उत्पादन कई देशो में किया जाता है. इसका ज्यादातर उत्पादन करने वाले देश जैसे - भारत, रूस, मध्य अमेरिका, इटली, फ्रांस और उत्तर अमेरिका और बेल्जियम आदि है.
तेजपत्ता की खेती (How to do Bay leaf Farming?)
अगर आपके पास 5 बिस्वा जगह है तो आप आसानी से तेजपत्ते की खेती शुरू कर सकते है. इस खेती को करने के लिए आपको शुरुआती दौर में थोड़ी मेहनत करने पड़ेगी. जैसे-जैसे इसका पौधा बड़ा होता जाएगा आपको मेहनत भी कम करनी पड़ेगी. जब पौधा पेड़ का आकार ले लेगा तब आपको केवल पेड़ की देखभाल करनी होगी. इसकी खेती से आप हर साल अच्छी खासी आमदनी पा सकते है.
उत्पादक राज्य
हमारे देश में तेजपत्ता का ज्यादातर उत्पादन उत्तर प्रदेश, बिहार, केरल, कर्नाटक के अलावा उतरी पूर्वी भारत के पहाड़ी क्षेत्रों में किया जाता है, तो अगर आप बिहार, उत्तर प्रदेश या फिर कर्नाटक के रहने वाले है तो आप तेजपत्ता की अच्छी खेती आसानी से कर सकते हैं.
भूमि तैयारी और मिट्टी की आवश्यकता
जलवायु के साथ-साथ पौधे के लिए मिट्टी में उपयुक्त प्रदार्थ और मिट्टी का प्रकार तेजपत्ता के विकास के लिए बहुत जरूरी है. तेजपत्ता के अच्छे विकास के लिए कार्बनिक प्रदार्थ युक्त सुखी मिट्टी की जरूरत पड़ती है, और इसके साथ ही मिट्टी का पीएच मान 6 से 8 के बीच होना जरूरी है. इसके पौधे को लगाने से पहले आवश्यकता अनुसार भूमि को तैयार करना बेहद जरूरी होता है. इसलिए पौधा को लगाने से पहले जमीन की मिट्टी को अच्छे से जोतले और सुखा लें. तब फिर मिट्टी से खरपतवारों को पूरी तरह साफ कर ले. अब पूरे खेत में जैविक खाद का छिडकाव करें. इसके बाद खाद के मिट्टी में मिलने के बाद तेजपत्ता के पौधो को जमीन में लगाए. इन पौधा को लगाते दोनों पौधो के बीच की दुरी करीब 4 से 6 मीटर रखें.
तेजपत्ता की खेती में खाद और उर्वरक (Manure and Fertilizer in Bay Leaf Farming)
तेजपत्ता की पत्ती में लगने वाले कीट और रोग
साधारण कीट पतंगे ही तेजपत्ता की पत्ती में पाए जाते है. जैसे -एफिड्स (Aphids), हार्ड शैलेड स्केल (Hard shelled scale), माईट्स (Mites)
इन कीटों को तेजपत्ता के पौधो से बचाने के लिए आप पौधो पर नीम के तेल का छिड़काव कर सकते है. इसके आलावा आस -पास की जगह साफ़ रखें और खरपतवार को साफ़ करें ताकि पौधे का विकास अच्छे से हो और कीड़े लगने का संभावना भी कम हो. तेजपत्ता के पौधों में पड़ने वाले खाद को रोपण से पहले ही डाले जाते है. पौधे का सही से विकास करने के लिए हमें इसकी समय - समय पर छटाई करते रहना चाहिए. इसकी समय पर छटाई करने से पेड़ों का विकास अच्छे से और पूरी तरह होता है और अगर इसके बाद भी तेजपत्ता के पेड़ या पौधे पर किसी तरह का कीड़ा लग रहा है तो आप इससे छुटकारा पाने के लिए रसायनिक कीटनाशक का प्रयोग भी कर सकते है.
इस पर सब्सिडी
इसकी खेती करने वाले किसानों को राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड की ओर से 30 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है.
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