1. Home
  2. औषधीय फसलें

अगस्त में बुवाई: किसान ज़रूर लगाएं ये 2 औषधीय फसल, सही समय पर खेती करने से मिलेगा अच्छा उत्पादन !

किसानों में औषधीय पौधों (Medicinal plants) की खेती को लेकर रुचि काफी बढ़ रही है, लेकिन कई किसानों को इन फसलों की खेती करने की सही जानकारी नहीं होती है. इस कारण फसल से अच्छी उपज भी नहीं मिल पाती है. अगर औषधीय फसलों की बुवाई सही समय पर की जाए और सही सिंचाई और कीटनाशक का इस्तेमाल किया जाए, तो फसल से काफी अच्छा उत्पादन मिल सकता है. आज हम इस लेख में उन 2 औषधीय पौधों की जानकारी देने वाले हैं, जिनकी बुवाई अगस्त में आसानी से की जा सकती है. इससे उत्पादक सही समय पर गुणवत्ता वाली फसल प्राप्त कर सकते हैं.

कंचन मौर्य
कंचन मौर्य

किसानों में औषधीय पौधों (Medicinal plants) की खेती को लेकर रुचि काफी बढ़ रही है, लेकिन कई किसानों को इन फसलों की खेती करने की सही जानकारी नहीं होती है. इस कारण फसल से अच्छी उपज भी नहीं मिल पाती है. अगर औषधीय फसलों की बुवाई सही समय पर की जाए और सही सिंचाई और कीटनाशक का इस्तेमाल किया जाए, तो फसल से काफी अच्छा उत्पादन मिल सकता है. आज हम इस लेख में उन 2 औषधीय पौधों की जानकारी देने वाले हैं, जिनकी बुवाई अगस्त में आसानी से की जा सकती है. इससे उत्पादक सही समय पर गुणवत्ता वाली फसल प्राप्त कर सकते हैं.

अगस्त में औषधीय पौधों की खेती

  • कलिहारी

  • सनाय

ये खबर भी पढ़े: सिर्फ 50 हजार में करें शतावरी की खेती, कमाएं लाखों रुपए मुनाफा

कलिहारी (Kalihari)

किसान अगस्त में कलिहरी की बुवाई कर सकते हैं. इसके लिए दोमट मिट्टी उपयुक्त रहती है. किसान इसकी बुवाई बारिश होते ही कर सकते हैं.अगर 1 हेक्टेयर क्षेत्र में कलिहारी की रोपाई करनी है, तो करीब 10 क्विंटल कंदों यानी कलिहारी के फल की आवश्यकता होती है. इसकी बुवाई के समय कंदों को फफूंदीनाशक द्वारा उपचारित किया जाता है. इसके अलावा खेत की तैयारी करते समय 15 से 20 टन गोबर की खाद भूमि में अच्छी तरह मिलाई जाती है. इसके बाद कलिहरी की बुवाई की जाती है.

सनाय (Sanay)

यह समय सनाय की बुवाई के लिए उपयुक्त है. खेती को तैयार करते समय 10 टन गोबर की खाद मिले दें. किसान इसकी उन्नत किस्म एएलएफटी-2 की बुवाई कर सकते हैं. अगर सिंचित क्षेत्रों में बुवाई करनी है, तो करीब 15 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होती है, तो वहीं असिंचित क्षेत्रों में करीब 25 किग्रा बीज की आवश्यकता होती है. इसकी बुवाई लाइनों और डिब्लर विधि से होती है. इस विधि में करीब 6 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर बीज की आवश्यकता होती है.

ये खबर भी पढ़े: 500 रुपए की लागत से मोती की खेती कर कमाएं 5 हजार, मन की बात में पीएम मोदी ने की इस किसान की तारीफ

English Summary: Farmers can cultivate medicinal crops in August, it will be a good profit Published on: 30 July 2020, 04:18 IST

Like this article?

Hey! I am कंचन मौर्य. Did you liked this article and have suggestions to improve this article? Mail me your suggestions and feedback.

Share your comments

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें. कृषि से संबंधित देशभर की सभी लेटेस्ट ख़बरें मेल पर पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें.

Subscribe Newsletters

Latest feeds

More News