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Mango Farming: आम के बाग में लगने वाले प्रमुख कीट, रोग एवं उनका नियंत्रण

Diseases in Mango Orchards: अगर आप आम के बागों से अधिक पैदावार प्राप्त करना चाहते हैं, तो इसके लिए किसानों को सितम्बर माह के प्रथम सप्ताह तक लेख में बताए गए कार्यों को अवश्य कर लेना चाहिए, क्योंकि इसके बाद करने से लाभ की बजाय नुकसान होने की संभावना ज्यादा है.

डॉ एस के सिंह
डॉ एस के सिंह
आम के बाग (Image Source: Adobe Stock)
आम के बाग (Image Source: Adobe Stock)

आम के बागवान फल की तुड़ाई के बाद बाग प्रबंधन में लगे हैं. बाग के आम की कटाई छंटाई के बाद, आम के पेड़ की उम्र के अनुसार खाद एवं उर्वरकों का कैलकुलेशन के उपरांत खाद एवं उर्वरकों का प्रयोग कर चुके होंगे. कहीं-कहीं पर लगातार बारिश की वजह से किसान अभी तक उपरोक्त कृषि कार्य नहीं कर पाए है. लेकिन यह कार्य हर हाल में सितम्बर माह के प्रथम सप्ताह तक अवश्य कर लें, क्योंकि इसके बाद करने से लाभ की बजाय नुकसान होने की संभावना ज्यादा है.

इसी समय रोग एवं कीड़ों के प्रबंधन का भी उपाय किया जाना चाहिए. शूट गाल कीट तराई क्षेत्रों में या जहां नमी ज्यादा होती है, एक विकट समस्या है. इस कीट के नियंत्रण के लिए जुलाई –अगस्त का  महीना बहुत महत्वपूर्ण है.

रोग एवं कीड़ों से फसल को बचाने के लिए अपनाएं ये तरीके

अगस्त के मध्य में मोनोक्रोटोफॉस/डाइमेथोएट 1 मिलीलीटर दवा प्रति लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करना चाहिए. बाग में मकड़ी के जाले को साफ करना चाहिए और प्रभावित हिस्से को काटकर जला देना चाहिए. अधिक वर्षा एवं नमी ज्यादा होने की वजह से लाल जंग रोग (रेड रस्ट) और एन्थ्रेक्नोज रोग ज्यादा देखने को मिलता है इसके नियंत्रण के लिए कॉपर ऑक्सीक्लोराइड की 3 ग्राम मात्रा को प्रति लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करना चाहिए.

सितंबर के महीने में मोनोक्रोटोफोस / डाइमेथोएट की 1 मिली लीटर दवा को प्रति लीटर पानी में घोलकर दुबारा छिड़काव करना चाहिए , यदि  शूट गाल कीट  बनाने वाले कीट पेड़ पर देखा जाता है, तो लाल जंग और एन्थ्रेक्नोज के नियंत्रण के लिए कॉपर ऑक्सीक्लोराइड की 3 ग्राम मात्रा प्रति लीटर पानी में घोलकर 10 दिन के अंतराल पर 2-3 छिड़काव रोग की उग्रता के अनुसार करना चाहिए.

अक्टूबर के महीने के दौरान डाई-बैक रोग के लक्षण अधिक दिखाई देते हैं. इस रोग के प्रबंधन के लिए आवश्यक है की जहा तक टहनी सुख गई है उसके आगे  5-10 सेमी हरे हिस्से तक टहनी  की कटाई-छंटाई करके उसी दिन कॉपर ऑक्सीक्लोराइड की 3 ग्राम मात्रा प्रति लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करना चाहिए  तथा 10-15 दिन के  अंतराल पर एक छिड़काव पुनः करें. आम के पेड़ में गमोसिस भी एक बड़ी समस्या है इसके नियंत्रण के लिए सतह को साफ करें और प्रभावित हिस्से पर बोर्डो पेस्ट लगाएं मुख्य तने पर लगाएं. गुम्मा व्याधि का संक्रमण होने पर अक्टूबर के प्रथम  सप्ताह में  एन ए ए (200 पी पी एम) यानी 2 ग्राम मात्रा को 10 लीटर घोलकर  या 90 मिली. दवा को 200 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करे. यदि गमोसिस के लक्षण दिखाई देते हैं, तो सतह को साफ करें और प्रभावित हिस्से पर बोर्डो पेस्ट लगाएं.

दिसम्बर माह में बाग की हल्की जुताई  करें और बाग से खरपतवार निकाल दें.  इस महीने के अंत तक मिली बग के नियंत्रण के लिए आम के पेड़ की बैंडिंग की व्यवस्था करें, 25-30 सेमी की चौड़ाई वाली एक अल्केथेन शीट (400 गेज) को 30-40 सेमी की ऊंचाई पर पेड़ के तने के चारों ओर लपेटा जाना चाहिए. इस शीट को दोनों छोर पर बांधा जाना चाहिए और पेड़ पर चढ़ने के लिए मिलीबग कीट को रोकने के लिए निचले सिरे पर ग्रीस लगाया जाना चाहिए.

मिली बग कीट के नियंत्रण के लिए बेसिन में कार्बोसल्फान की  100 मिली प्रति 100लीटर पानी में घोलकर या क्लोरपायरीफॉस ग्रेन्यूल्स की 250 ग्राम प्रति पेड़ का छिड़काव/बुरकाव  करना चाहिए . दिसम्बर माह में  छाल खाने वाले और मुख्य तने में छेद (ट्रंक बोरिंग) कीड़ों को नियंत्रित करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. पहले छेदों को पहचानें और उस क्षेत्र को साफ करें और इन छेदों में डायक्लोरवोस या मोनोक्रोटोफॉस 1मिली लीटर दवा प्रति 2 लीटर पानी का घोल लगाएं. कीटनाशक डालने के बाद इन छिद्रों को वैक्स या गीली मिट्टी से बंद (प्लग) कर देना चाहिए.

दिसम्बर बागों में बागों की हल्की जुताई  करनी चाहिए, बागों बहुत हल्का  पानी देना चाहिए जिससे मिज कीट, फल मक्खी, गुजिया कीट एवं जाले वाले कीट की अवस्थाए नष्ट हो जाएँ. कुछ तो गुड़ाई करते समय ही मर जाती हैं, कुछ परजीवी एव परभक्षी कीड़ों या दूसरे जीवों का शिकार हो जाती हैं और कुछ जमीन से ऊपर आने पर अधिक सर्दी या ताप की वजह से मर जाती है. 

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जनवरी माह में कभी कभी  बौर जल्दी निकल आते है ,यथासम्भव तोड़ देना चाहिए. इससे गुम्मा रोग का प्रकोप  कम हो जाता है.  बौर निकलने के समय पुष्प मिज कीट का प्रकोप दिखते ही क्विनालफास (1 मि.ली./लीटर ) या डामेथोएट (1.5 मि.ली./लीटर ) पानी में  घोल कर छिड़काव किया जाना चाहिए.

English Summary: Management of diseases and insects in mango orchard Published on: 09 August 2024, 01:01 IST

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