Tips for Mango Farming: आम के पेड़ों को नुकसान पहुंचाने वाला शाखा छेदक कीट, Chlumetia transversa, यूटेलिडे परिवार का एक प्रमुख कीट है. इस प्रजाति का पहला वैज्ञानिक वर्णन 1863 में फ्रांसिस वॉकर द्वारा किया गया था. आम का शाखा छेदक कीट, फसल उत्पादन में गिरावट का एक बड़ा कारण है. सही समय पर पहचान, यांत्रिक उपायों का उपयोग, और उचित रासायनिक एवं जैविक प्रबंधन से इस कीट के प्रकोप को रोका जा सकता है. नियमित निगरानी और वैज्ञानिक तकनीकों को अपनाकर किसान आम की गुणवत्ता और उत्पादन में सुधार कर सकते हैं.
कीट का जीवन चक्र और प्रभाव
इस कीट की मादा नई पत्तियों पर अंडे देती है. अंडों से लार्वा निकलने पर ये पत्तियों की मध्य शिरा (मिडरिब) से होकर टहनियों के अंदर प्रवेश करते हैं. लार्वा टहनियों के अग्र भाग (टर्मिनल शूट) में छेद करके वहां के कोमल ऊतकों को खा जाते हैं. इसका परिणाम यह होता है कि टहनियां सूखने लगती है और पत्तियां झड़ जाती हैं.
शाखा छेदक कीट की पहचान
लार्वा का रंग पारदर्शी पीला-हरा या भूरा होता है, और इसका सिर काला होता है. ये टहनियों के मुलायम ऊतकों पर भोजन करते समय प्रवेश छेद के पास मल का जमाव छोड़ देते हैं. वयस्क कीट भूरे-काले रंग के होते हैं और इनका शरीर लगभग 8 से 10 मिमी लंबा होता है. इनके पंख फैलाने पर आकार लगभग 15 मिमी तक रहता है.
वर्षा और अत्यधिक आर्द्रता अनुकूल
शाखा छेदक कीट का प्रकोप आम और लीची जैसे फलों के उत्पादन में भारी नुकसान का कारण बनता है. इस कीट की वृद्धि के लिए वर्षा और अत्यधिक आर्द्रता अनुकूल होती है, जबकि उच्च तापमान इसके जीवन चक्र को बाधित करता है.
भौगोलिक वितरण
यह कीट भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश सहित भारत-ऑस्ट्रेलियाई उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में व्यापक रूप से पाया जाता है. इसके अलावा, यह चीन, कोरिया, इंडोनेशिया, मलेशिया, थाईलैंड, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और सोलोमन द्वीप समूह में भी देखा गया है.
पौधों को होने वाला नुकसान
यह कीट युवा पत्तियों, टहनियों और टर्मिनल शूट को नुकसान पहुंचाता है. भारी प्रकोप के कारण पत्तियां फटने लगती हैं, टहनियां सूखकर मुरझा जाती हैं, नई वृद्धि रुक जाती है, जिससे फसल की उत्पादकता में गिरावट आती है.
आम के शाखा छेदक कीट का प्रभावी प्रबंधन
1. प्रारंभिक पहचान और यांत्रिक विधियां
ग्रसित शाखाओं को काटकर और नष्ट करके संक्रमण को फैलने से रोका जा सकता है. प्रवेश छेदों को साइकिल की तीली या लोहे के तार से साफ करें और उसमें वाष्पशील तरल या डाईक्लोरवॉस (0.05%) डालें.
2. रासायनिक उपाय
- डाईक्लोरवॉस या कार्बोफ्यूरन का प्रयोग: प्रवेश छेदों में भिगोई गई रूई डालकर गीली मिट्टी से बंद करें.
- बोर्डो पेस्ट का लेप: मुख्य तने पर एक मीटर ऊंचाई तक लेप लगाएं, ताकि मादाओं को अंडे देने से रोका जा सके.
- रासायनिक छिड़काव: डायमथोएट (0.2%), कार्बारील (0.2%) या क्यूनालफॉस (0.5%) का 15 दिन के अंतराल पर 2 से 3 बार छिड़काव करें. तने पर कॉपर ऑक्सीक्लोराइड का लेप संक्रमण की स्थिति में लाभकारी होता है.
3. जैविक और पर्यावरण अनुकूल विधियां
लाइट ट्रैप और फेरोमोन ट्रैप लगाकर वयस्क कीटों को आकर्षित और नियंत्रित करें.
हैंड पिकिंग और प्रूनिंग: प्रभावित हिस्सों को हटाकर संक्रमण की तीव्रता कम करें.
सामूहिक नियंत्रण: सामुदायिक स्तर पर कीटनाशक और ट्रैप का उपयोग प्रभावी होता है.
4. अतिरिक्त रोकथाम उपाय
पौधों के अवशेष और मिट्टी के ऊपरी हिस्से को हटाकर या जलाकर कोषस्थ को नष्ट करें. संक्रमित टहनियों को नियमित रूप से काटें और फेंक दें.
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