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Carnation: बिहार के इन जिलों में बड़े स्तर पर उगाएं जाते हैं यह फूल, जानें कितनी होती है कमाई

कार्नेशन फूल से किसानों की आमदनी बेहतर हो सकती है. बिहार के कुछ जिलों में इस फूल की खेती बड़े पैमाने पर होती है. आइये, इसके बारे में विस्तार से जानें.

मुकुल कुमार
मुकुल कुमार
Carnation फूल से किसानों की जबरदस्त कमाई
Carnation फूल से किसानों की जबरदस्त कमाई

कार्नेशन दुनिया के सबसे लोकप्रिय फूलों में से एक है. जिसकी खेती बिहार सहित भारत के विभिन्न राज्यों में की जाती है. वैसे तो बिहार मुख्य रूप से चावल और गेहूं जैसी प्रमुख फसलों की खेती के लिए जाना जाता है. लेकिन हाल के वर्षों में यहां के किसान के बीच फूलों की खेती का महत्व भी तेजी से बढ़ा है. बिहार के कुछ जिलों में किसानों ने कार्नेशन और अन्य प्रकार के फूल को उगाकर अपनी आमदनी को बड़े स्तर पर बढ़ाया है. तो आइये इस फूल की खेती पर एक नजर डालें.

इस उद्देश्य से उगाया जाता है यह फूल

बिहार में कार्नेशन को घरेलू बाजार और निर्यात दोनों उद्देश्यों के लिए उगाया जाता है. यह फूल अपने रंगों और जबरदस्त खुशबू के लिए जाने जाते हैं. इनका उपयोग फ्लावर डेकोरेशन, गुलदस्ते और अन्य कामों में किया जाता है. कार्नेशन की खेती के लिए अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी, धूप और उचित देखभाल की आवश्यकता होती है. कार्नेशंस 15 से 25 डिग्री सेल्सियस तापमान में पनपते हैं.  इनके पौधों को 6.0 और 7.0 के बीच पीएच स्तर वाली मिट्टी में लगाया जाता है.

इस महीने में लगाया जाता है इसका पौधा

कार्नेशन की विभिन्न किस्में उपलब्ध होते हैं. जिनमें स्टैंडर्ड कार्नेशंस, स्प्रे कार्नेशंस और मिनिएचर कार्नेशंस शामिल हैं. स्थानीय जलवायु परिस्थितियों और बाजार की मांग के आधार पर उपयुक्त किस्मों का चयन किया जाता है. अच्छा उत्पादन के लिए इनके पौधों के बीच दूरी लगभग 25 से 30 सेंटीमीटर होनी चाहिए. इस फूल के पौधों को आमतौर पर अक्टूबर से नवंबर के बीच लगाया जाता है. वहीं, कार्नेशन पौधों के लिए समय-समय पर सिंचाई महत्वपूर्ण है.

कैंची व चाकू से की जाती है फूलों की कटाई

कार्नेशन के फूलों की कटाई आम तौर पर तब की जाती है जब इसकी कलियां आंशिक रूप से खुली होती हैं. पौधों और फूलों को नुकसान से बचाने के लिए तेज कैंची या चाकू से सावधानीपूर्वक कटाई की जाती है. कटे हुए फूलों को उनकी ताजगी और दीर्घायु बनाए रखने के लिए तुरंत साफ पानी में डाल दिया जाता है. इसके अलावा कार्नेशन फूलों की क्वालिटी और बाजार भाव को बनाए रखने के लिए ग्रेडिंग, छंटाई और पैकेजिंग सहित अन्य प्रबंधन पर फोकस करना होता है.

एक एकड़ में कार्नेशन फूल की खेती

कार्नेशन को खेत में तैयार होने में बाकी फूलों की तुलना में ज्यादा समय लगता है. बिजाई की प्रक्रिया के बाद कार्नेशन लगभग 70 से 80 दिनों में तैयार होते हैं. किसान अशोक महतो के मुताबिक, एक एकड़ खेत में कार्नेशन फूल की खेती में लगभग दस हजार रुपये का खर्च आता है. वहीं, इतने में लगभग 100 से अधिक क्विंटल तक उत्पादन मिलता है. इसके अलावा, बाजार में कार्नेशन के एक फूल का थोक भाव लगभग चार रुपये मिलता है. ऐसे में आप अंदाजा लगा सकते हैं कि इस फूल की खेती से किसान कितनी कमाई कर सकते हैं.

बिहार में पटना, वैशाली, मुजफ्फरपुर और अन्य क्षेत्र में इस फूल की खेती बड़े पैमाने पर होती है. अगर देशभर की बात करें तो महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड भी उन राज्यों में से हैं जो कार्नेशन खेती के लिए जाने जाते हैं.

निष्कर्ष- यह स्टोरी कार्नेशन के फूलों की खेती पर बनाई गई है. इसमें इसकी खेती से संबंधित संपूर्ण जानकारी उपलब्ध है. यहां ध्यान देने वाली बात यह है इसमें दी गई कमाई का आकड़ा स्थान के हिसाब से बदल भी सकता है.

English Summary: Carnation flowers grown on large scale in these districts of Bihar Published on: 13 July 2023, 04:38 IST

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