केला के आभासी तने के बीच से टूट जाने और उस पर काले-काले छिद्र देना है, यह केला स्यूडोस्टेम घुन (ओडोइपोरस लॉन्गिकोलिस) के हमले का संकेत हो सकता है. इस कीट के लार्वा (ग्रब) और वयस्क पौधे को अत्यधिक नुकसान पहुंचाते हैं. यह कीट केले के प्रकंद (कॉर्म) और आभासी तने में सुरंगें बनाकर पौधे को कमजोर कर देता है. कीट के संक्रमण से उत्पादन में कमी और पौधे की मृत्यु तक हो सकती है.
संक्रमण के लक्षण
- आभासी तने पर छिद्र: तने पर छोटे-छोटे छिद्र दिखाई देते हैं, और उनसे काला तरल पदार्थ रिसता है.
- स्यूडोस्टेम के भीतर सुरंगें: लार्वा द्वारा बनाए गए सुरंगों के कारण तना कमजोर होकर बीच से टूट सकता है.
- रस का रिसाव: प्रभावित तने और प्रकंद से रस का रिसाव होता है.
- पत्तियों का मुरझाना: संक्रमित पौधों की पत्तियां पीली और मुरझाई हुई दिखती हैं.
- सकर का विकास रुकना: संक्रमित सकर (चूसने वाले पौधे) मर जाते हैं या उनका विकास रुक जाता है.
- पौधों का गिरना: हवा के झोंकों से पौधा गुच्छों के साथ टूटकर गिर सकता है.
कीट के प्रबंधन के उपाय
1. स्वच्छ खेती (Cultural Practices):
- संक्रमित और पुराने पौधों को तुरंत हटा दें ताकि कीटों का प्रजनन न हो.
- सूखे और गिरे हुए पत्तों को एकत्रित कर जलाएं.
- टिश्यू कल्चर पौधों का उपयोग करें, क्योंकि ये घुन से मुक्त होते हैं.
- रोपण सामग्री की जांच करें. यदि उसमें सुरंगें, लार्वा, या कीट अंडे पाए जाएं तो उसे उपयोग न करें.
- घुन प्रभावित क्षेत्रों में तुरंत पुन: रोपण न करें.
2. गर्म पानी उपचार (Hot Water Treatment): प्रकंद को 54°C गर्म पानी में 20 मिनट तक भिगोकर घुन के अंडे और लार्वा को नष्ट करें.
3. जैविक नियंत्रण (Biological Control):
- एंटोमोपैथोजेनिक कवक: ब्यूवेरिया बेसियाना (1x10⁷ सीएफयू/मिलीलीटर) का छिड़काव रोपण के 5वें, 6वें, और 7वें महीने में करें.
- नेमाटोड: हेटेरोरहैबडाइटिस बैक्टीरियोफोरा @ 1x10⁹ आईजे/लीटर पानी का छिड़काव करें.
- ट्रैपिंग: 30 सेमी लंबे केले के तनों को काटकर जमीन पर रखें. वयस्क घुन तनों में अंडे देने के लिए आकर्षित होते हैं. तनों के सूखने पर ग्रब मर जाते हैं.
4. रासायनिक नियंत्रण (Chemical Control):
- क्लोरपाइरीफॉस 20 ईसी: 2.5 मिली/लीटर पानी में मिलाकर 5वें, 6वें, और 7वें महीने में छिड़काव करें.
- कार्बोफ्यूरन ग्रैन्यूल्स: 3 ग्राम प्रति पौधा डालें.
- मोनोक्रोटोफॉस: 2 मिली/पौधा विपरीत दिशाओं में लगाएं. एक आवेदन 60 सेमी ऊंचाई पर और दूसरा 120 सेमी ऊंचाई पर करें.
- फेरोमोन ट्रैप्स: 20 ट्रैप/हेक्टेयर का उपयोग कर कीट की निगरानी और नियंत्रण करें.
5. जैविक सामग्री का उपयोग (Organic Materials)
- नीम पाउडर: रोपण के समय 60-100 ग्राम नीम बीज चूर्ण या नीम की खली डालें. हर 4 महीने में इसे दोहराएं. यह नेमाटोड और घुन के प्रभाव को कम करता है.
6. सामूहिक प्रयास (Mass Efforts): सामूहिक ट्रैपिंग और जागरूकता अभियान से स्थानीय स्तर पर संक्रमण को नियंत्रित करें.
अन्य देशों में उपयोग किए गए सफल उपाय
- क्यूबा: ब्यूवेरिया बेसियाना और चींटियों का उपयोग घुन नियंत्रण में प्रभावी रहा है.
- केन्या: किसानों ने नीम के पाउडर का उपयोग करके घुन और नेमाटोड का सफल प्रबंधन किया.
सावधानियां
- एक ही कीटनाशक का बार-बार उपयोग न करें.
- पौधों पर रसायनों का उपयोग करते समय सही मात्रा और समय का ध्यान रखें.
- सभी उपायों को एकीकृत प्रबंधन प्रणाली के तहत लागू करें.
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