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बाग लगाने पर मिलेगी 50 से 70% सब्सिडी, विभिन्न इलाकों में लगेंगे जागरूकता शिविर

अगर आप भी हाल फिलहाल में बाग लगाने के लिए पैसा को एकत्रित कर रहे हैं, तो यह खबर जरूर पढ़ें. ताकि आप सरकार की योजना (Government yojana) के मुताबिक बाग लगाने की जानकारी के साथ सब्सिडी भी प्राप्त कर सकें.

लोकेश निरवाल
लोकेश निरवाल
बाग लगाने की मिलेगी जानकारी और सब्सिडी सुविधा
बाग लगाने की मिलेगी जानकारी और सब्सिडी सुविधा

देश के किसानों की हर एक परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार (Indian Government) अपनी योजनाओं के चलते उनकी मदद करती रहती है. इसी कड़ी में सरकार ने किसानों को बाग लगाने पर बेहतर सब्सिडी उपलब्ध करवाने का फैसला लिया है. दरअसल, सरकार बाग के लिए 70 प्रतिशत तक अनुदान दे रही है.

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि आम लोगों सहित किसानों को बागवानी (Gardening) के बारे में जानने के लिए, 30 जून, 2023 तक हरियाणा के विभिन्न गांवों और ब्लॉकों में जागरूकता शिविर आयोजित किए जाने हैं. ये जागरूकता शिविर बाग लगाने, सब्जी को अधिकतम करने के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करने के उद्देश्य से लगाए जा रहे हैं. क्योंकि यहां पाया गया है कि इस आधुनिक समय में भी कई लोगों को बाग से संबंधित कुछ ही जानकारी प्राप्त होती हैं, जिसके चलते वह न तो अच्छी उपज प्राप्त कर पाते हैं और न ही अच्छा लाभ प्राप्त कर पाते हैं. इसी परेशानी को हल करने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है.

जलवायु के अनुकूल लगेंगे वृक्ष

बताया जा रहा है कि जिले की जलवायु के अनुरूप खजूर, बेर, अनार आदि फलदार वृक्ष (Fruit Trees) वर्षा ऋतु में लगाये जा सकते हैं. इसी कड़ी में सरकार प्रति एकड़ नए बागानों के क्षेत्र का विस्तार करने के लिए 50 से 70 प्रतिशत तक अनुदान की पेशकश करेगी. ध्यान रहे कि यह अनुदान फलदार पौधों के हिसाब से तीन साल तक दिया जाएगा.

बाग लगाते समय निम्न बातों का जरूर रखें ध्यान

बाग लगाने के लिए किसान भाइयों को दोमट मिट्टी और गहरी जल निकासी वाली उपजाऊ भूमि का चुनाव करना चाहिए. फलों के पेड़ लगाने के लिए मिट्टी का नमूना 2 मीटर की गहराई तक लें. यह फलदार पौधों के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि सतह के नीचे की मिट्टी में पोषक तत्वों की मात्रा आवश्यक होती है. इसलिए, रोपण से पहले मिट्टी का परीक्षण (Soil Test) करना बेहद जरूरी है.  

अलग-अलग गहराई जैसे 15 सेमी, 35 सेमी, 50 सेमी, 90 सेमी और 120-130 सेमी से मिट्टी के नमूने एकत्र कर उनकी जांच कराते हैं. नमूना एकत्र करते समय, आप कंकड़ की परत की मोटाई और गहराई को ध्यान में रखें और इसे अलग रखें. प्रत्येक नमूने को साफ दोनों थैलियों में अलग-अलग रखें. इसके बाद मृदा परीक्षण करवाएं. जो आप कृषि विज्ञान केंद्र की महेंद्रगढ़ मृदा परीक्षण प्रयोगशाला या चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के मृदा विभाग में करवा सकते हैं.

रोपण का समय (Planting Time)

जलवायु को ध्यान में रखते हुए जनवरी, फरवरी, अगस्त और अक्टूबर को बाग रोपण के लिए सबसे अच्छा समय माना जाता है. इसलिए, ये महीने रोपण के लिए सबसे उपयुक्त समय हो सकते हैं.

जल परीक्षण (Water Test)

पानी की कमी के कारण अक्सर किसान कुएं के पानी का उपयोग सिंचाई के लिए करते हैं. तो आपको कुएं की मोटर चलाने के बाद 1 लीटर पानी भरना होगा और परीक्षण के लिए भेजना होगा.

गड्ढा खोदना   

पौधारोपण से पहले भूमि को ठीक से तैयार कर लें. गड्ढा खोदने के लिए आप ट्रैक्टर चालित डिगर का उपयोग कर सकते हैं. यह आपको लगभग तीन फीट लंबी और तीन फीट चौड़ी खुदाई करने में मदद करता है.

पौधों का चुनाव  (Plant Selection)

अपनी नजदीकी किसी भी नर्सरी में जाकर रोगमुक्त और अच्छे पौधों का चुनाव करें. लेकिन ध्यान रहे कि पौधे 2 वर्ष से अधिक पुराने नहीं होने चाहिए.

English Summary: 50 to 70% subsidy will be given on plantation, awareness camps will be organized in different areas Published on: 21 April 2023, 05:09 IST

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