वर्त्तमान समय में हर कोई छोटा हो या बड़ा खुद का बिजनेस शुरू करना चाहता है, ताकि वह कम निवेश में ज्यादा मुनाफा कमा सके. ऐसे में अगर आप पशुपालन में दिलचस्पी रखते हैं, तो बकरी पालन आपके लिए आमदनी का अच्छा जरिया बन सकता है. इस व्यवसाय को शुरू करने के लिए आपको अधिक निवेश और अधिक ज्ञान की आवश्यकता भी नहीं पड़ती है.
हमारे देश में बकरी पालन करना कोई नई बात नहीं है, ग्रामीण भारत के लोग प्राचीन काल से बकरियां पालते आ रहे हैं. तो आज हमने अपने लेख में बकरियों की दो लाभदायक नस्लों का उल्लेख किया है, जिनका पालन करके आप कम समय में ही भारी मुनाफा कमा सकते हैं.
दुंबा बकरी की उन्नत नस्ल (Improved breed of Dumba goat)
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यह नस्ल ज्यादातर यूपी (उत्तर प्रदेश) में पाई जाती है.
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आपको बता दें कि बकरीद के दौरान इसकी मांग बाजारों में काफी बढ़ जाती है.
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इस नस्ल का बच्चा सिर्फ 2 महीने में 30,000 तक बिक जाता है, क्योंकि इसका वजन 25 किलो तक होता है.
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लेकिन 3 से 4 महीने बाद इनकी कीमत 70 से 75 हजार रुपए तक पहुंच जाती है.
उस्मानाबादी बकरी की उन्नत नस्ल (Osmanabadi goat breed)
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यह नस्ल महाराष्ट्र के उस्मानाबादी जिले में पाई जाती है, इसलिए इसका नाम उस्मानाबादी बकरी पड़ा.
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इसका उपयोग दूध और मांस उत्पादन दोनों के लिए ही किया जाता है.
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यह बकरी कई अलग-अलग रंगों में भी पाई जाती है.
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इसके वयस्क नर बकरी का वजन लगभग 34 किलो और मादा बकरी का वजन 32 किलो तक होता है.
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बकरी की इस नस्ल में प्रतिदिन 0.5 से 1.5 लीटर दूध देने की क्षमता होती है.
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यह बकरी हर तरह का चारा खाती है. यह खट्टा, मीठा और कड़वा चारा भी बड़े चाव से खा जाती है.
बकरी पालन का प्रशिक्षण कैसे प्राप्त करें?
इस राष्ट्रीय प्रशिक्षण के आयोजन का मुख्य उद्देश्य लोगों को बकरी पालन के प्रति जागरूक करना है.
इसके प्रशिक्षण केंद्र की जानकारी आप केंद्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान (सीआईआरजी) की वेबसाइट पर जाकर या फिर इस नंबर 0565- 2763320 पर कॉल कर इससे सम्बंधित ट्रेनिंग केन्द्रों के बारे में जानकारी ले सकते हैं.
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