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Goat Breeds: ये हैं बकरी की टॉप 10 भारतीय नस्लें, जानें क्यों दूध और मांस के लिए है खास

Indian Goat Breeds: भारत में बकरी पालन का व्यवसाय किसानों के लिए बहुत ही लाभदायक है. किसान इस व्यवसाय को कम लागत के साथ सरलता से शुरू कर सकते हैं. अगर आप बकरी पालन से अच्छी मोटी कमाई करना चाहते हैं, तो यह लेख आपके लिए है. क्योंकि आज हम आपके लिए बकरी की टॉप 10 भारतीय नस्लें लेकर आए हैं.

लोकेश निरवाल
लोकेश निरवाल
बकरी की टॉप 10 भारतीय नस्लें (Image Source: Pixabay)
बकरी की टॉप 10 भारतीय नस्लें (Image Source: Pixabay)

Goat farming Business: भारत में बकरी पालन का व्यवसाय बहुत ही पुराने से समय किया जा रहा है. खासतौर पर बकरी पालन का बिजनेस ऐसे किसानों के द्वारा किया जाता है, जिनके पास खेती के लिए कम जमीन होती है. ये ही नहीं भूमिहीन मजदूर भी बकरी पालन/ Goat Farming करते हैं क्योंकि इसमें निवेश और जोखिम की संभावना बहुत कम होती है. देखा जाए तो बकरी पालन खेती की तुलना में बहुत काफी आसान है. इसी कारण से बकरियों को 'गरीबों की गाय' भी कहा जाता है.

गौरतलब है कि भारत में बकरियों की कई तरह की नस्लों को पाला जाता है, लेकिन आज हम पशुपालक और किसानों के लिए बकरियों की टॉप 10 नस्लें/ Top 10 breeds of goats की जानकारी लेकर आए हैं. बता दें कि बकरियों की ये 10 नस्लें अच्छा दूध और मांस के लिए अच्छी पाली जाती है. ऐसे में आइए इनके बारे में विस्तार से जानते हैं...

भारत में बकरी की टॉप 10 नस्लें/ Top 10 goat breeds in India

जमुनापारी बकरी/ Jamnapari Breed Goat

बकरी की यह नस्ल मुख्यतः उत्तर प्रदेश में पाया जाता है. यह बड़े आकार की बकरियां हैं. इसकी लंबी-लंबी टांगें, उभरी हुई चेहरे की रेखाओं और बड़े मुड़े हुए लटकते कानों होते हैं. इस बकरी की नस्ल के बड़े थन होते हैं . जमुनापारी बकरी प्रतिदिन 2 से 2.5 लीटर दूध देने की क्षमता है. जमुनापारी बकरी ढेर सारी झाड़ियों के साथ विभिन्न परिस्थितियों में सबसे अच्छी तरह से पनपती है. वहीं, एक वयस्क नर बकरी का वजन 65 किलोग्राम से 80 किलोग्राम और मादा का वजन 45 किलोग्राम से 60 किलोग्राम के बीच होता है.

मालाबारी बकरी/ Malabari Goat

यह नस्ल उत्तरी केरल की मूल निवासी है. इसकी त्वचा अच्छी गुणवत्ता वाली है. साथ ही इस बकरी का औसत गुणवत्ता वाला मांस होता है. इनकी औसत उपज 0.9 से 2.8 लीटर दूध प्रतिदिन है. औसत दूध उपज 65 किलोग्राम प्रति स्तनपान है. औसत स्तनपान अवधि 172 दिन है.

बरबरी बकरी/ Barbari Goat

बरबरी बकरी की यह नस्ल दिल्ली, उत्तर प्रदेश और हरियाणा जैसे राज्यों में पाए जाते हैं. बरबरी बकरी की नस्लें मुख्य रूप से दूध और मांस के उद्देश्य से पाली जाती हैं. एक वयस्क नर बकरी का वजन 35-45 किलोग्राम के बीच होता है और एक मादा बकरी का वजन 25-35 किलोग्राम के बीच होता है. बरबरी नस्ल प्रतिदिन 1 - 1.5 लीटर दूध देने की क्षमता रखती है. इस प्रकार की बकरियों की नस्लों में प्रजनन क्षमता/ Fertility in Goat Breeds बहुत अच्छी होती है. यह नस्ल प्रसव में 2 - 3 बच्चे दे सकते हैं. नस्ल आमतौर पर स्टाल-फेड होते हैं और 0.90 से 1.25 लीटर दूध दे सकते हैं. इस प्रकार की बकरी आमतौर पर 12 - 15 महीने के अंतराल पर दो बार बच्चे पैदा करती है.

बीटल बकरी/ Beetal Goat

बीटल बकरी की नस्ल/ Beetal Goat Breed मुख्य रूप से उत्तरी राज्य पंजाब में पाए जाते हैं. बीटल बकरी की नस्लें मुख्यतः दूध और मांस के लिए पाली जाती हैं. बकरी की यह नस्ल आमतौर पर जमुनापारी नस्ल से छोटे होते हैं. एक वयस्क नर का वजन 50-70 किलोग्राम के बीच होता है और एक वयस्क मादा बकरी का वजन 40-50 किलोग्राम के बीच होता है. वहीं, औसत दुग्ध उत्पादन 150 किलोग्राम है. इनमें प्रतिदिन 1 से 2 लीटर दूध देने की क्षमता होती है. 177 दिनों की दुग्ध अवधि में अधिकतम उपज 591.5 किलोग्राम है.

टेलिचेरी बकरी/ Tellicherry Goat

टेलिचेरी बकरी को मालाबारी नस्ल के नाम से भी जाना जाता है. टेलिचेरी अधिकतर दक्षिणी राज्य केरल में पाई जाती है. इन्हें अधिकतर मांस के उद्देश्य से उगाया जाता है. एक वयस्क पुरुष का वजन 40 -50 किलोग्राम के बीच होता है जबकि एक वयस्क महिला का वजन 30 - 40 किलोग्राम के बीच होता है. मालाबारी प्रति दिन 1-2 लीटर दूध दे सकता है. इस नस्ल में दूसरों की तुलना में बेहतर प्रजनन क्षमता होती है.

सिरोही बकरी/ Sirohi Goat

सिरोही बकरी राजस्थान और उत्तर प्रदेश राज्यों के किसानों द्वारा अधिक पाली जाती है. बकरी की यह नस्ल साल में एक बार बच्चा पैदा करती है और इस नस्ल में जुड़वाँ बच्चे होना आम बात है. पहले बच्चे के जन्म की औसत आयु 19 महीने होती है. उनकी औसत स्तनपान उपज 71 किलोग्राम है और औसत स्तनपान अवधि 175 दिन है.

उस्मानाबादी बकरी/ Osmanabadi Goat

उस्मानाबादी बकरी की यह नस्ल महाराष्ट्र के लातूर, उस्मानाबाद, अहमदनगर, परभणी और सोलापुर जिले में पाई जाती है. इसमें मांस की गुणवत्ता बहुत अच्छी होती है. इस नस्ल की बकरी में पहले बच्चे के समय बकरी की औसत आयु 19-20 महीने होती है. इस बकरी का औसत दूध उपज 170 से 180 किग्रा/लैक्टेशन तक होता है.

कन्नी आदु बकरी/ Kanni Adu Goat

बकरी की यह नस्ल तमिलनाडु के रामानाधापुरम और थिरुनेलवेली जिलों में पाई जाने वाली बहुत लंबी बकरी की नस्लें हैं. इन्हें आमतौर पर मांस के उद्देश्य से पाला जाता है. इस नस्ल की वयस्क मादाओं का वजन 25-30 किलोग्राम होता है जबकि वयस्क नर का वजन 35-40 किलोग्राम होता है. कन्नी आदु बकरी को खासतौर पर देश के सूखे क्षेत्रों में अच्छे से पाला जा सकता है.

काली बंगाल बकरी/ Black Bengal Goat

काली बंगाल बकरी भारतीय बकरी नस्लों में सबसे अधिक पाली जाती है. बकरी की यह नस्ल एकाधिक जन्म बहुत आम है. जैसे कि  एक समय में 2, 3, या 4 बच्चों का जन्म देती है. ब्लैक बंगाल बकरी का औसत दुग्ध उत्पादन उपज 53 किलोग्राम है और दुग्ध काल की अवधि 90 - 120 दिन है. बता दें कि इस बकरी की खास की मांग बाजार में काफी होती है, क्योंकि इसे उच्च श्रेणी के जूते बनाए जाते हैं.

कोडी आडू बकरी

कोडी आडू बकरी काफी लम्बी होती हैं और बकरी की यह नस्ल विभिन्न रंगों में पाई जाती है. बकरी की यह नस्ल 1 या 2 बच्चों को जन्म देती हैं. इस बकरी को चरने के लिए जाने वाले बकरियों के झुंडों का मार्गदर्शन करने के उद्देश्य से पाला जाता है. कोडी आडू बकरी की यह नस्ल तमिलनाडु के शिवगंगा, रमाणाधापुरम और तूतीकोरिन जिलों में पाई जाती है.

विदेशी बकरी की नस्लें/ Exotic Goat Breeds

सानेन बकरी/ Saanen Goat
एंग्लो-न्युबियन बकरी/ Anglo-Nubian Goat
अल्पाइन बकरी/ Alpine Goat
अंगोरा बकरी/ Angora Goat
टोगेनबर्ग बकरी/ Toggenburg Goat
बोअर बकरी/ Boer Goat

English Summary: Top 10 Indian breeds of goat best for dairy farming milk and meat Goat farming Business Published on: 19 February 2024, 01:39 IST

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