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नवजात बच्छे/बच्छियों की संभावित बीमारियाँ एवं रोकथाम

पशुओं के नवजात बच्छों या बच्छियों की देखभाल अपने आप में चुनौती भरा कार्य है. जन्म के कुछ माह तक इन्हें बीमारियों के लगने की सबसे अधिक संभावना होती है. इसलिए जरूरी है कि जन्म के कुछ माह तक इनका खास ख्याल रखा जाए. छोटे बच्छे/बच्छियों को किन-किन बीमारियों से बचाने की जरूरत है, चिलिए आपको बताते हैं.

सिप्पू कुमार
सिप्पू कुमार
calf diseases and treatment method

पशुओं के नवजात बच्छों या बच्छियों की देखभाल अपने आप में चुनौती भरा कार्य है. जन्म के कुछ माह तक इन्हें बीमारियों के लगने की सबसे अधिक संभावना होती है. इसलिए जरूरी है कि जन्म के कुछ माह तक इनका खास ख्याल रखा जाए. छोटे बच्छे/बच्छियों को किन-किन बीमारियों से बचाने की जरूरत है, चिलिए आपको बताते हैं

काफ डायरिया व्हायट स्कौर

पशुओं के छोटे बच्चों को दस्त होने की संभावना सबसे प्रबल होती है. इसलिए उनका खास ख्याल रखा जाना चाहिए. दस्त का ये रोग उनके प्राणों के लिए भी खतरनाक है और पशुओं की इससे मृत्यु भी हो सकती है. जानवरों के छोटे बच्चों को दस्त की समस्या कई कारणों से हो सकती है, जैसे अधिक मात्रा में दूध का सेवन करना, पेट में संक्रमण,पेट में कीड़ों के कारण आदि.

सावधानी और उपचारः पशुओं के बच्चों को उचित मात्रा में ही दूध का सेवन करने दे. दस्त की समस्या होने पर डॉक्टर से संपर्क करें.

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2.पेट में कीड़े होना:

गाय-भैंस के बच्चों में होने वाली ये सबसे संभावित बीमारी है. पेट में कीड़े होने के कारण पशुओं के बच्चे कमजोर होने लग जाते हैं. कीड़ों की समस्या के कारण बच्चों को गस्त अथवा कब्ज होने लगता है.

सावधानी एवं उपचारः कीड़ों के उपचार के लिए पिपराजीन नाम की दवा उपयुक्त है. वहीं गर्भवस्था के अंतिम अवधि में गाय-भैंसों को पेट में कीड़े मारने की दवा देना सही है. 6 माह के समय तक हर डेढ़ -दो महीनों में एक बार पिपरिजिन लिक्किड अथवा गोली देना बेहतर है.

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3.नेवल इल

नवजात बच्छे/बच्छियों की नाभि को संक्रमण का सबसे अधिक खतरा रहता है. संक्रमण के कारण इनकी नाभि में सूजन के साथ पिक पड़ जाता है. सावधानी एवं उपचारः इस बीमारी को हल्के में ना ले और नजदीकी पशुचिकित्सालय से संपर्क करें.  

English Summary: these are the some conman disease in calf know how to protect and what is the right treatment Published on: 23 October 2019, 05:58 IST

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