भारत से विदेश में जिंदा मछली का ठीक तरह से निर्यात हो सके इसके लिए केंद्र सरकार एक अहम योजना पर कार्य कर रही है. दरअसल इसके लिए केंद्र सरकार एयरपोर्ट पर सारी सुविधाओं को उपलब्ध करवाएगी. विएशन मिनिस्ट्री एक विशेष टास्क फोर्स का गठन करेगी. यह जिंदा मछलियों की विदेशों को निर्बाध रूप से सप्लाई में बेहद जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर को उपलब्ध करवाएंगे. इस अहम टास्क फोर्स में केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग व्यापार मंत्रालय के अंतर्गत शामिल होने वाले सभी अधिकारी शामिल होंगे.
वर्ष 2024 तक सीफूड एक्सपोर्ट दुगना होगा
अगर हम देश में सीफूड की बात करें तो वर्तमान में अभी भारत से विदेश को कुल सात बिलियन डॉलर जिंदा मछली की सप्लाई होती है. मरीन प्रोडक्टस एक्सपोर्ट डेवलपमेंट ऑथिरिटी के चैयरमैन के अनुसार हम साल 2024 तक भारत से विदेश को सप्लाई होने वाली सीफूड की मौजूदा क्षमता को दुगना करना चाहते है, वर्ष 2024 तक यह 15 बिलियन होने की उम्मीद है. भारत की तरफ से कुल सप्लाई में से केवल 2 प्रतिशत ही जिंदा मछली को बाहर विदेश में सप्लाई किया जाता है.
एयरपोर्ट में नहीं है सुविधाएं
ऑथिरिटी का कहना है कि चेन्नई एयरपोर्ट जिंदा मछलियों के निर्यात और उनकी सप्लाई के लिए पूरी तरह से तैयार है. हालांकि दूसरे एयरपोर्ट पर फिलहाल जिंदा मछलियों के निर्यात के लिए ऐसी सुविधाएं न के बराबर ही है.इसीलिए हमने सिविल एविएशन मिनिस्ट्री से इस तरह की सुविधाएं अन्य तरह के एयरपोर्ट पर आसानी से उपलब्ध करवाने का आग्राह किया गया है. पूरा मंत्रालय टास्क फोर्स का गठन करके मामले को डील करेंगे.
मछली उत्पादन बढ़ाया जाएगा
मछली का एक्सपोर्ट तेजी से बढ़ाने के लिए एमपीईडीए मछली उत्पादन के क्षेत्र में तेजी से विस्तार करेगी. इसके अलावा वह उनकी गुणवत्ता को सुधारने के लिए भी कार्य करेगी. भारत में उनकी क्वालिटी को सुधारने पर भी कार्य किया जाएगा. देश में राष्ट्रीय स्तर पर औसत मछली उत्पादन पांच टन हेक्टेयर है.
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