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गर्मी में पशुओं में लू लगने के लक्षण, बचाव और उपचार

वातावरण में नमी और ठंडक की कमी, पशु आवास में स्वच्छ वायु न आना, कम स्थान में अधिक पशु रखना और गर्मी के मौसम में पशु को पर्याप्त मात्रा में पानी न पिलाना लू लगने के प्रमुख कारण हैं. लू अधिक लगने पर पशु मर भी सकता है. तेज गर्मी से बचाव प्रबंधन में जरा सी लापरवाही से पशु को ‘लू‘ नामक रोग हो जाता है.

विवेक कुमार राय
विवेक कुमार राय
Animal Disease
Animal Disease

वातावरण में नमी और ठंडक की कमी, पशु आवास में स्वच्छ वायु न आना, कम स्थान में अधिक पशु रखना और गर्मी के मौसम में पशु को पर्याप्त मात्रा में पानी न पिलाना लू लगने के प्रमुख कारण हैं. लू (Heatstroke) अधिक लगने पर पशु मर भी सकता है. तेज गर्मी से बचाव प्रबंधन (Rescue Management) में जरा सी लापरवाही से पशु को ‘लू‘ नामक रोग हो जाता है.

गर्मी में पशुओं में लू लगने के लक्षण (Symptoms of heatstroke in animals)

अधिक गर्म समय में लू लगने के कारण पशु को तेज बुखार (High Fever) आ जाता है और बेचैनी बढ़ जाती है. पशुओं को आहार (Animal Feed) लेने में अरुचि, तेज बुखार, हांफना, मुंह से जीभ बाहर निकलना, मुंह के आसपास झाग आ जाना, आंख व नाक लाल होना, नाक से खून बहना, पतला दस्त होना,  श्वास कमजोर पड़ जाना, उसकी हृदय की धड़कन तेज होना आदि लू-लगने के प्रमुख लक्षण (Main Symptoms) है. ‘लू‘ से ग्रस्त पशु को तेज बुखार हो जाता है और पशु सुस्त होकर खाना पीना बन्द कर देता है. शुरू में पशु की श्वसन गति (Animal Respiration Speed) एवं नाडी गति तेज हो जाती है. कभी-कभी नाक से खून (Nose Bleeding) भी बहने लगता है. पशु पालक के समय पर ध्यान नहीं देने से पशु की श्वसन गति धीरे-धीरे कम होने लगती है एवं पशु चक्कर खाकर बेहोशी की दशा में ही मर जाता है.

पशुओं में लू लगने के उपचार (Treatment of heatstroke in animals)

लू से पशुओं को बचाने के लिए कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए (Some precautions should be taken to protect animals from heatstroke)

  • डेयरी को इस प्रकार बनाए की सभी जानवरों के लिए उचित स्थान हो ताकि हवा को आने जाने के लिए जगह मिले, ध्यान रहे की शेड खुला हवादार हो.

  • लू‘ लगने पर पशु को ठण्डे स्थान पर बांधे तथा माथे पर बर्फ या ठण्डे पानी की पट्टियां बांधे जिससे पशु को तुरन्त आराम मिले.

  • पशु को प्रतिदिन 1-2 बार ठंडे पानी से नहलाना चाहिए.

  • पशु के लिए पानी की उचित व्यवस्था होनी चाहिए.

  • मवेशियों को गर्मी से बचाने के लिए पशुपालक उनके आवास में पंखे, कूलर और फव्वारा सिस्टम लगा सकते हैं.

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  • दिन के समय में उन्हें अन्दर बांध कर रखें.

  • लू की चपेट में आने और ठीक नहीं होने पर पशु को तुरंत पशुचिकित्सक (Veterinary doctor) को दिखाएं.

  • पशुओं को एलेक्ट्रल एनर्जी (Electral Energy ) देनी चाहिए.

English Summary: Symptoms, prevention and treatment of heatstroke in animals Published on: 05 April 2020, 03:35 IST

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