1. Home
  2. पशुपालन

लॉकडाउनः पशुओं का टीकाकरण प्रभावित, उपचार और आहार में भी आ रही परेशानी

चीन के वुहान शहर से होते हुए कोरोना वायरस आज वैश्विक महामारी बन चुका है. अब तक इसकी चपेट में लाखों लोग आ चुके हैं और हजारों की मौत हो चुकी है. भारत में इंसानों के साथ-साथ ही अब दूरदराज क्षेत्रों के पशुओं की मुश्किलें भी बढ़ने लगी है. लॉकडाउन के कारण न तो इन तक कोई सहायता पहुंच पा रही है और न ही आहार का प्रबंध हो पा रहा है.

सिप्पू कुमार
सिप्पू कुमार

चीन के वुहान शहर से होते हुए कोरोना वायरस आज वैश्विक महामारी बन चुका है. अब तक इसकी चपेट में लाखों लोग आ चुके हैं और हजारों की मौत हो चुकी है. भारत में इंसानों के साथ-साथ  ही अब दूरदराज क्षेत्रों के पशुओं की मुश्किलें भी बढ़ने लगी है. लॉकडाउन के कारण न तो इन तक कोई सहायता पहुंच पा रही है और न ही आहार का प्रबंध हो पा रहा है. इस कारण कई क्षेत्रों के मवेशियों का टीकाकरण नहीं हो पा रहा है. सबसे अधिक परेशानी उन पशुओं को हो रही है, जो इस समय किसी बीमारी से ग्रसित हैं और इलाज न मिलने के कारण दिन-प्रतिदिन कमजोर होते जा रहे हैं. ऐसे में पशुपालकों को अपने रोजी-रोटी का डर सताने लगा है.

चारे की भी हो रही है दिक्कत

लॉकडाउन के कारण पशुपालकों को इस समय पशुओं के आहार के लिए खासी मेहनत करनी पड़ रही है. सबसे अधिक परेशानी चारे को लेकर हो रही है. सिर्फ चंपावत जिले की ही बात करें तो इस समय 1.39 लाख पशुपालक लॉकडाउन के कारण चारा नहीं मिलने से परेशान हैं.

कुछ क्षेत्रों में पशुपालकों को इस समय 22 रुपए भूसा और 15 सौ रुपए कट्ठे के हिसाब से हरा चारा खरीदना पड़ रहा है. लॉकडाउन के कारण सभी मुख्य रास्ते बंद हैं, जिस कारण लंबे रास्तों से होकर जाना पड़ता है और लागत अधिक आती है. वाहन चालकों को पुलिस की सख्ताई भी झेलनी पड़ती है. इस समय लॉकडाउन को देखते हुए कई दुकानदारों ने चारे के दाम भी बढ़ा दिए हैं.

पशुपालकों की मांग

इस समय पशुपालकों को विशेष सहायता की जरूरत है. यातायात बंद होने के कारण वो कोई भी जरूरी सामान नहीं ला पा रहे हैं. निजी वाहनों को भी पुलिस द्वारा जब्त करने का भय बना रहता है. ऐसे में पशुपालकों के समक्ष नई समस्याएं उत्पन्न हो गई है. पशुपालकों की मांग है कि प्रशासन अपने स्तर पर पशुचारे की व्यवस्था करे और उसे पशुपालकों के पहुंच में बनाए.

English Summary: cattles facing lots of problems due lack of medical treatment and foods know more about it Published on: 06 April 2020, 10:53 IST

Like this article?

Hey! I am सिप्पू कुमार. Did you liked this article and have suggestions to improve this article? Mail me your suggestions and feedback.

Share your comments

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें. कृषि से संबंधित देशभर की सभी लेटेस्ट ख़बरें मेल पर पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें.

Subscribe Newsletters

Latest feeds

More News