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Goat-Poultry: बकरियों के साथ करें मुर्गी पालन, लागत में आएगी कमी और कमाई होगी डबल!

Goat-Poultry Farming: किसान बकरियों के साथ-साथ मुर्गियों का भी पालन करते हैं, तो इससे उनकी लागत में कमी आती है और मुनाफा बढ़ जाता है. बकरियों के साथ मुर्गियां पालने से लागत आधी हो जाती है और अंडा-चिकन भी तैयार हो जाता है. इस तरह से पशुपालक कम लागत में अच्छा खासा मुनाफा कमा सकते हैं.

मोहित नागर
मोहित नागर
Goat-Poultry: बकरियों के साथ करें मुर्गी पालन (Picture Source - FreePik)
Goat-Poultry: बकरियों के साथ करें मुर्गी पालन (Picture Source - FreePik)

Goat-Poultry Farming: किसानों के लिए पशुपालन एक बेहद महत्वपूर्ण कृषि गतिविधि है, इससे दूध, खाद और अन्य कृषि उत्पादों प्राप्त होते हैं. ग्रामीण अर्थव्यवस्था में बकरी पालन विशेष माना जाता है, क्योंकि यह कई  लोगों के लिए कमाई का मुख्य साधन होता है. लेकिन यदि किसान बकरियों के साथ-साथ मुर्गियों का भी पालन करते हैं, तो इससे उनकी लागत में कमी आती है और मुनाफा बढ़ जाता है. बता दें, देशभर में कई किसान आज भी गाय-भैंस, बकरी के साथ मुर्गियों को पाल रहे हैं. बकरियों के साथ मुर्गियां पालने से लागत आधी हो जाती है और अंडा-चिकन भी तैयार हो जाता है.

इस तरह से पशुपालक कम लागत में अच्छा खासा मुनाफा कमा सकते हैं. किसान बकरी की मेंगनी और मुर्गी की बीट का उपयोग करके ऑर्गेनिक चारा उगा सकते हैं.

ऐसे करें मुर्गी-बकरी पालन

मुर्गी-बकरी पालन के लिए सबसे पहले आपको एक तरह का खास शेड तैयार करना होता है. इस शेड में मुर्गियों और बकरियों एक साथ रह सकती है. इस शेड को दो भाग में करने के लिए आपको बीच में लोहे की जाली लगानी चाहिए और इसमें मुर्गियों के निकलने के लिए एक छोटा सा दरवाजा बनाना चाहिए. जब आप बकरियां को चरने के लिए बाहर निकाले और सफाई करने के लिए शेड में जाए, तो जाली में लगा छोटा गेट खोल देना चाहिए. गेट खुलने के बाद मुर्गियां बकरियों की जगह पर आ जाती है. शेड में बकरियों का बचा हुआ चारा होता है, जिसे वे अब दोबारा नहीं खाती. लेकिन मुर्गियों इसे बड़े ही चाव के साथ खा सकती है.

ये भी पढ़ें: छोटे किसान करें इन नस्लों की मुर्गियों का पालन, व्यवसाय से होगी दोगुनी कमाई!

मुर्गियों के दाने की लागत में होगी कमी

आपको बता दें, बकरियों को हरे चारे के रूप में बरसीम, नीम, गूलर, जामुन और अमरूद के साथ-साथ मेडिशनल वैल्यू वाला चारा भी दिया जाता है, जो बकरियों को कई बड़ी बीमारियों से बचाने का काम करता है. वहीं बकरियों द्वारा बचा चारा फेंक जाने के बाद उसे मुर्गियां खा लेती हैं. एक मुर्गी दिनभर में लगभग 110 से 130 ग्राम तक दाना खा लेती है. वहीं मुर्गी-बकरी पालन करने से 30 से 40 ग्राम तक मुर्गियों के दाने के लागत में कम आ जाती है.

मेंगनी से होगा कम्पोकस्ट तैयार

यदि आप एक एकड़ के हिसाब बकरियों के साथ मुर्गी पालन करते हैं, तो बकरियों की मेंगनी से कम्पोकस्ट भी तैयार कर सकते हैं. इस तैयार कम्पोस्ट का उपयोग आप बकरियों के लिए चारा उगाने में कर सकते हैं. इससे आप एकदम ऑर्गेनिक चारा उगा सकेंगे. इसके अलावा, आप इस कम्पोस्ट से अच्छे प्रोटीन वाला अजोला भी उगा सकते हैं.  

English Summary: poultry with goats is very beneficial for farmers cost decrease and income increase Published on: 30 August 2024, 02:32 IST

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